कृषि क़ानूनों को रद्द करने की माँग पर अड़े किसानों ने एक फरवरी यानी बजट के दिन संसद कूच करने का एलान किया है। किसान नेता दर्शन पाल ने संसद मार्च की घोषणा करते हुए कहा है कि लड़ाई केंद्र सरकार से है।
यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब दिल्ली पुलिस ने काफी बहानेबाजी और सुप्रीम कोर्ट तक मामले को ले जाने के बाद किसानों को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड की अनुमति दे दी है। हालांकि पुलिस ने इसके साथ ही कई तरह की शर्तें भी थोप दी हैं, पर पुलिस की यह इजाज़त किसानों की जीत मानी जा रही है।
इससे उत्साहित किसानों ने बजट के दिन संसद तक मार्च करने का एलान किया है। बता दें कि हज़ारों किसान दिल्ली की सीमा से सटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के इलाक़ों में धरने पर बैठे हैं। वे कृषि क़ानून 2020 रद्द करने की माँग कर रहे हैं।
सरकार का कहना है कि वह किसानों की बात सुनने और उस हिसाब से क़ानूनों में संशोधन करने को तैयार है, पर ये क़ानून रद्द किसी कीमत पर नहीं किए जा सकते। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि वे क़ानून रद्द करने से कम किसी चीज पर राजी नहीं हो सकते।
गृह मंत्री के घर बैठक
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह के घर पर उच्च-स्तरीय बैठक चल रही है, जिसमें गृह मंत्रालय के आला अफ़सर मौजूद हैं। इनमें गृह सचिव, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख और दोनों गृह राज्य मंत्री शामिल हैं। इसके पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने संजय गांधी ट्रांसपोर्ट और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था।इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान दिल्ली जीतने नहीं जा रहे हैं, वे देश के लोगों का दिल जीतने जा रहे हैं। किसान मोर्चा ने इसके साथ ही ट्रैक्टर परेड को लेकर दिशा-निर्देश जारी करते हुए किसानों से कहा है कि वे इसका कड़ाई से पालन करें।