राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के मद्देनजर दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद में स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे। दिल्ली के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण जलभराव और ट्रैफिक जाम की रिपोर्ट है। शहर में रविवार सुबह पिछले 24 घंटों में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक है। रविवार को दिन में भी तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने अभी और तेज बारिश का एलर्ट जारी किया है।
तेज बारिश और मौसम की ख़राब स्थिति को देखते हुए स्कूलों को लेकर अहम फ़ैसला लिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और मौसम विभाग की चेतावनियों के मद्देनज़र सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे।
इस बीच गुड़गांव में लगातार बारिश के बाद प्रशासन ने कॉरपोरेट्स को निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों को सोमवार को घर से काम करने की सलाह दें ताकि बारिश रुकते ही सड़कों से पानी हटाया जा सके। उन्होंने निवासियों से यह भी अपील की है कि वे आवश्यक ज़रूरतों को छोड़कर घर से बाहर नहीं निकलें।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली में रविवार सुबह 8:30 बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक है। मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए 'येलो' अलर्ट भी जारी किया है।
दिल्ली के कई हिस्सों- लाजपत नगर-1, सोम बाजार, नजफगढ़, मयूर विहार फेज-3, ओखला मार्ग और मॉडल टाउन समेत अन्य इलाकों में रविवार को जलभराव हो गया। हालाँकि, राष्ट्रीय राजधानी की अधिकांश प्रमुख सड़कों और अंडरपासों से शनिवार की भारी बारिश के कारण जमा हुए पानी को हटा दिया गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को लोक निर्माण विभाग को रोहतक रोड-बवाना, मिलोथी, बुराड़ी, मयूर विहार एक्सटेंशन, द्वारका मोड़, नजफगढ़, मॉडल टाउन और हकीकत नगर जैसे इलाकों में जलभराव की करीब 38 शिकायतें मिलीं।
ऐसी स्थिति को ही देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार की छुट्टी रद्द करते हुए सभी अधिकारियों और मंत्रियों को समस्या वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए मौक़े पर रहने का निर्देश दिया था। दिल्ली सरकार के मेयर और मंत्रियों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
हिमाचल, उत्तराखंड में तबाही
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में रविवार को भारी बारिश का कहर जारी रहा, जिससे भूस्खलन हुआ, मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। शिमला जिले के कोटगढ़ क्षेत्र में भूस्खलन के बाद एक घर ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। कुल्लू शहर में भूस्खलन से एक अस्थायी घर क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे एक महिला की मौत हो गई। एक अन्य घटना में, शनिवार रात चंबा की कटियां तहसील में भूस्खलन के बाद एक व्यक्ति जिंदा दफन हो गया।
नदी में उफान और कुल्लू-मनाली मार्ग पर पत्थर गिरने के बीच कुल्लू और मनाली से अटल टनल और रोहतांग की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है।