नफ़रती नारे: बीजेपी सदस्य अश्विनी उपाध्याय को जमानत मिली

07:14 pm Aug 11, 2021 | सत्य ब्यूरो

दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ लगाए गए नफ़रती नारों के मामले में न्यायिक हिरासत में बंद बीजेपी सदस्य अश्विनी उपाध्याय को ज़मानत मिल गई है। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय, प्रीत सिंह, विनोद शर्मा और दीपक कुमार को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि इस मामले के अभियुक्तों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये लोग समाज के बीच जाकर क़ानून व्यवस्था की दिक्क़त खड़ी कर सकते हैं। 

मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट तन्वी खुराना ने कहा कि सुबूतों से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा दीपक सिंह हिंदू और विनीत वाजपेयी को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। वकील अतुल श्रीवास्तव ने अदालत में अर्जी लगाकर उपाध्याय, प्रीत सिंह, विनोद कुमार और दीपक की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मांगी थी। 

मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया था। पुलिस इन लोगों से लगातार इस घटना के बारे में पूछताछ कर रही है। रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित एक कार्यक्रम में ये नफ़रती नारे लगाए गए थे। कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय थे। 

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जब पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी तो उसकी काफी आलोचना हुई थी क्योंकि नफ़रती नारे लगाने वालों के चेहरे आसानी से देखे जा सकते हैं। 

अश्विनी ने किया किनारा

अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि यह कार्यक्रम सेव इंडिया फ़ाउंडेशन की ओर से किया गया था और उनका इस इदारे से कोई लेना-देना नहीं है। उनके मुताबिक़, उन्हें वहां दूसरे लोगों की ही तरह बतौर मेहमान बुलाया गया था और वे 11 बजे कार्यक्रम में पहुंचे थे और 12 बजे वहां से लौट आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस घटना में शामिल शरारती तत्वों को नहीं पहचानते। 

जबकि उपाध्याय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लोगों से भारत जोड़ो आंदोलन के नाम पर 8 अगस्त को दिल्ली चलो का आह्वान किया था और वह इसे लेकर खासे सक्रिय थे। उपाध्याय ने नफ़रती नारों के मामले में पुलिस में शिकायत देकर कहा है कि अगर वीडियो सही है तो नारे लगाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। कार्यक्रम में बीजेपी नेता गजेंद्र चौहान भी शामिल थे। 

उपाध्याय ने कहा है कि उनका नफ़रती नारों से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन पुलिस ने कहा है कि उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। 

दीपक सिंह के बारे में पता चला है कि वह किसी हिंदू संगठन से जुड़ा है। 31 जुलाई को उसने पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज में लोगों को एक मजार पर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए बुलाया था। जबकि वीडियो में दिख रहे उत्तर मलिक नाम के शख़्स ने कहा था कि वह डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का चेला है। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बीते कुछ महीनों में मुसलमानों के ख़िलाफ़ जमकर ज़हर उगला है। 

नरसिंहानंद सरस्वती ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि उनके चेले जंतर-मंतर के कार्यक्रम में गए थे। उन्होंने कहा कि बाक़ी संगठनों के लोगों को भी अश्विनी उपाध्याय का समर्थन करना चाहिए। नरसिंहानंद सरस्वती ने नफ़रती नारों को जायज ठहराया और कहा कि हिंदुओं में बहुत ग़ुस्सा है।