ऐसे समय जब दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक बार फिर बढ़ रही है, सरकार ने एक एक्शन प्लान बनाया है। गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच हुई इस बैठक में रोज़ाना की जाने वाली कोरोना जाँच की संख्या दूनी करने, 750 बिस्तर अलग से तैयार रखने और ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया कराने पर फ़ैसला हुआ है।
बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि 750 आईसीयू बिस्तर कोरोना रोगियों के लिए अलग से तैयार रखे जाएंगे। केंद्र सरकार डीआरडीओ केंद्र पर इसकी व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही रोज़ाना जाँच की संख्या बढ़ा कर एक लाख कर दी जाएगी। फ़िलहाल रोज़ाना 60 हज़ार लोगों की कोरोना जाँच की जाती है।
दूनी कोरोना जाँच
दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बीते 12 दिनों में बहुत ही अधिक बढ़ोतरी हुई है। कुछ हफ़्तों तक संख्या कम रहने के बाद 3 नवंबर को यह 6,725 पर पहुँच गई। अगले तीन दिनों में यह तादाद 7 हज़ार पार कर गई। हालात और बिगड़ी व 11 नवंबर को दिल्ली में कोरोना रोगियों की संख्या 8,593 हो गई।दिल्ली के अस्पतालों में 12 नंवंबर को सिर्फ़ 13 फ़ीसदी आईसीयू बेड ही खाली थे। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कुल 1,283 आईसीयू बेड में वेंटिलेटर की सुविधा थी, जिसमें से 1,119 भरे हुए थे। इसका मतलब हुआ कि क़रीब 87 फ़ीसदी बेड भरे हुए थे। दिल्ली में इस तारीख तक 42 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं। दिल्ली में अब तक साढ़े 4 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं और सात हज़ार से ज़्यादा मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
अदालत का फ़ैसला
इसी दिन दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में कहा था कि 33 निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखे जा सकते हैं। कोर्ट का फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में हर रोज़ अब 8,000 से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आने लगे हैं और ऐसी रिपोर्टें हैं कि अधिकतर अस्पतालों में आईसीयू मरीज़ों से क़रीब-क़रीब भरने वाले हैं।>
याद दिला दें कि इसके पहले दिल्ली के 33 बड़े निजी अस्पतालों के आईसीयू में 80 फ़ीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के फ़ैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद संक्रमण के कारण ख़राब स्थिति को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के निजी अस्पतालों के आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने की माँग की थी।