क्या फिर से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बदलेंगे? वहाँ के मीडिया में अब प्रधानमंत्री पद को लेकर तरह-तरह की रिपोर्टें क्यों आ रही हैं? डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश सांसद इस सप्ताह प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस को हटाने की कोशिश करेंगे। यदि ऐसा होता है तो हाल के कुछ महीनों में यह दूसरी बार होगा कि वहाँ के प्रधानमंत्री को पद से हटना पड़ेगा।
डेली मेल ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा है कि सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी से संबंधित संसद के 100 से अधिक सदस्य ट्रस में अविश्वास का पत्र कंजरवेटिव पार्टी की समिति के प्रमुख ग्राहम ब्रैडी को सौंपने के लिए तैयार हैं। यही समिति नेतृत्व के लिए प्रतिस्पर्धा कराती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्राहम ब्रैडी सांसदों के इस क़दम का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि ट्रस को एक मौक़ा और दिया जाना चाहिए। यह मौक़ा ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए दिए जाने की बात की जा रही है।
लिज ट्रस की आर्थिक नीतियों की ब्रिटेन में आलोचना की जा रही है क्योंकि महंगाई कम करने के लिए लिये गए उनके फ़ैसले से ब्रिटेन की समस्याएँ और बढ़ी ही हैं। ख़ासकर, कर कटौती के उनके फ़ैसले का विरोध हो रहा है। चुनावी अभियान के दौरान उनका कर में कटौती का निर्णय उस वक़्त तो बहुत सराहा गया था लेकिन, अब उनके लिए मुसीबत बन गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी यह कहते हुए ट्रस की कर कटौती की आलोचना कर चुके हैं कि महंगाई तो दुनिया भर में है।
पिछले महीने करों में कटौती का वादा करके कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व जीतने वाली ट्रस अब अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए लड़ रही हैं। कंजरवेटिव पार्टी के कई सांसदों का मानना है कि पार्टी में तेजी से नेतृत्व परिवर्तन की ज़रूरत है।
कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अधिकांश सांसदों का कहना है कि ट्रस को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। ट्रस ने अपने वित्तमंत्री क्वासी को हाल ही में बर्खास्त किया था। उनके इस फ़ैसले से जनता में और भी गलत संदेश गया है।
ऋषि सुनाक दौड़ में?
इस बीच ऋषि सुनाक का नाम फिर से प्रधानमंत्री पद की रेस में आने लगा है। हाल ही में बेटिंग यानी सट्टा लगाने वाली एजेंसियों के अनुसार इस दौड़ में सुनाक काफ़ी आगे चल रहे हैं।
सुनाक का समर्थन करने वाले सांसदों का कहना है कि वित्तीय मामलों में सुनाक की समझ और उनकी नीतियों का वर्तमान में कोई भी कंजरवेटिव सांसद मुक़ाबला नहीं कर सकता है। ऐसे में सुनाक ही ब्रिटेन को आर्थिक संकट से निकाल सकते हैं।
बता दें कि ऋषि सुनाक भारतीय मूल के हैं लेकिन उनके माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से यूके आए थे। उनके माता पिता दोनों भारतीय मूल के हैं। उनके दादा-दादी पंजाब से थे। ऋषि का जन्म 1980 में साउथम्प्टन में हुआ था।
सुनाक यूके में पैदा हुई पीढ़ी से हैं, लेकिन वह मूल रूप से कहीं और से हैं, और उनका कहना है कि यह पहचान उनके लिए मायने रखती है। उन्होंने 2019 में बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, 'मेरे माता-पिता यहाँ आकर बस गए हैं, इसलिए आपके पास इस पीढ़ी के लोग हैं जो यहां पैदा हुए हैं, उनके माता-पिता यहां पैदा नहीं हुए हैं और वे इस देश में जीवन-यापन करने आए हैं।'
वह एक निजी स्कूल विनचेस्टर कॉलेज में पढ़े और अपनी गर्मी की छुट्टियों के दौरान साउथम्प्टन में एक करी हाउस में वेटर के रूप में काम किया। इसके बाद वे ऑक्सफोर्ड पढ़ने चले गए थे। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात भारतीय अरबपति और आईटी सेवाओं की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई। दोनों ने शादी कर ली और दंपति की दो बेटियाँ हैं।