ठेकेदार संतोष पाटिल के द्वारा आत्महत्या करने के मामले में कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यह एफआईआर आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ईश्वरप्पा को समन किया है। ठेकेदार का शव मंगलवार को मिला था। उसने एक सुसाइड नोट में ईश्वरप्पा को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और बीएस येदियुरप्पा और तमाम लोगों से उसकी पत्नी और बच्चों की मदद करने की गुहार लगाई थी।
मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पुलिस से कहा था कि वह इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच करे।
लेकिन ईश्वरप्पा ने आरोपों को खारिज कर दिया था और संतोष पाटिल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था।
एफआईआर में ईश्वरप्पा के दो सहयोगियों बसवराज और रमेश का भी नाम है। इस मामले में ठेकेदार संतोष पाटिल के भाई प्रशांत की ओर से शिकायत दी गई थी।
पाटिल ने आरोप लगाया था कि मंत्री के सहयोगियों ने उससे 4 करोड़ रुपए के काम के मामले में 40 फ़ीसदी कमीशन मांगा था। यह काम मंत्री के ही ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग का था।
ईश्वरप्पा ने कहा है कि वह पाटिल को जानते तक नहीं थे। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।