फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में एम्स के डॉक्टर्स के पैनल की रिपोर्ट सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस एक्शन में है। बता दें कि एम्स के पैनल ने सुशांत सिंह की हत्या की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। सीबीआई को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पैनल ने अभिनेता को ज़हर दिए जाने या गला घोटने की आशंकाओं से इनकार किया है।
एम्स की रिपोर्ट के बाद उद्धव ठाकरे सरकार में शामिल घटक दलों की ओर से कहा गया है कि इस रिपोर्ट से साफ है कि मुंबई पुलिस सही दिशा में जांच कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की साज़िश रची गई और उद्धव सरकार इसकी तह तक पहुंचेगी।
महाराष्ट्र सरकार के बाद अब नंबर मुंबई पुलिस का है। मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा है कि ऐसे लोग जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से सुशांत केस की जांच में मुंबई पुलिस को निशाना बनाने की कोशिश की, उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा।
परमबीर सिंह ने मुंबई मिरर से बातचीत में कहा कि हम लोग कुछ समय से ऐसे अकाउंट्स पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने भी एम्स की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह पूरी तरह आत्महत्या का ही मामला था।
परमबीर सिंह ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुशांत मामले में मुंबई पुलिस की जांच और कूपर अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कभी शक नहीं हुआ।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने के लिए 14 जून को 80 हज़ार से ज़्यादा फर्जी अकाउट्ंस बनाए गए। बता दें कि सुशांत सिंह की मौत 14 जून को ही हुई थी। कमिश्नर ने महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल से कहा है कि वह इस मामले की जांच करे और आईटी एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज करे।
उन्होंने दोहराया कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिये ग़लत पोस्ट कर मुंबई पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की गई।
मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस तरह की पोस्ट्स इटली, जापान, पोलैंड, स्लोवेनिया, इंडोनेशिया, टर्की, थाईलैंड, रोमानिया और फ्रांस से की गईं। पुलिस का कहना है कि ये सभी पोस्ट्स विदेशी भाषाओं में थीं लेकिन वह इन्हें इसलिए पहचान सकी क्योंकि इन्हें #justiceforsushant #sushantsinghrajput और #SSR हैशटैग के साथ अपलोड किया गया था।
देखिए, इससे जुड़े विषय पर जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार की टिप्पणी-
सुशांत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को लेकर बिहार और कुछ दूसरे राज्यों के बीजेपी के नेताओं ने जब जोरदार दबाव बनाया था, तब भी ठाकरे सरकार की ओर से कहा गया था कि कुछ न्यूज़ चैनलों द्वारा मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।