महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का मामला राजनीतिक रूप से भी तूल पकड़ रहा है। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान, पूर्व सांसद उदितराज समेत काफी लोग आज मंगलवार 25 अप्रैल को जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के साथ धरने पर बैठे। इस बीच आरोपी बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है, अब सुप्रीम कोर्ट भी सब तय करेगी। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले को गंभीर बताया और शुक्रवार को सुनवाई की बात कही।
देश की 7 नामी महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और एफआईआर की मांग की। यह मामला दिसंबर 2022 में सामने आया था। जनवरी 2023 से ही महिला पहलवानों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया। लेकिन दिल्ली पुलिस जांच की आड़ में एफआईआर दर्ज करने से मना कर रही है। इस पर महिला पहलवानों ने सोमवार को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को याचिका स्वीकार कर ली।
मीडिया ने आज दिल्ली में ब्रजभूषण शरण सिंह का पक्ष लेने के लिए उनसे संपर्क किया। ब्रजभूषण ने मीडिया से कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अब सुप्रीम कोर्ट में ही फैसला होगा। इस टिप्पणी के बाद ब्रजभूषण अपनी गाड़ी में बैठकर वहां से चले गए। हालांकि पत्रकार सवाल उछालते रहे लेकिन बीजेपी सांसद ने किसी का जवाब नहीं दिया।
वादे के मुताबिक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा जंतर मंतर पर आज प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ बैठे। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन एथलीटों ने देश का नाम रोशन किया है और जिन्हें स्टेडियम में होना चाहिए, वे विरोध कर रहे हैं? जांच होनी चाहिए और इंसाफ मिलना चाहिए।
पहलवानों ने मांग की है कि केंद्र डब्ल्यूएफआई प्रमुख ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच करने वाली पांच सदस्यीय जांच समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करे। बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित पहलवानों ने जनवरी में इस मुद्दे पर अपना विरोध शुरू किया था, लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आश्वासन के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया था। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने रविवार को कहा कि उसे महिला पहलवानों से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दो दिन पहले पुलिस को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। पहलवानों ने जोर देकर कहा है कि जब तक पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करती तब तक वे धरना स्थल पर डटे रहेंगे।