सोशल मीडिया पर वायरल छत्तीसगढ़ का एक वीडियो सरकारी अस्पतालों की असंवेदनशीलता को दिखाती है। जब अपनों के खोने पर खुद को संभालना भी मुश्किल होता है वैसे हालात में एक व्यक्ति को अस्पताल में मृत उसकी बेटी के साथ यूँ ही छोड़ दिया गया! उसे अपने घर जाने के लिए अपनी बेटी के शव को 10 किलोमीटर कंधे पर ले जाना पड़ा। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो के साथ छत्तीसगढ़ सरकार पर ऐसे ही कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
यह मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का है। अपनी सात वर्षीय बेटी के शव को कंधे पर उठाए एक व्यक्ति का एक वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस घटना को लेकर अस्पताल और छ्त्तीसगढ़ के प्रशासन पर सवाल उठे तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने जांच के आदेश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट में निधन पर शोक जताते हुए यह भी दावा किया है कि शव वाहन के लिए ख़बर कर उसे चिकित्सालय बुला भी लिया गया था, लेकिन शोक संतप्त परिवार ने शव को खुद से ले जाने का निर्णय लिया।
अधिकारियों के अनुसार सरगुजा ज़िले के लखनपुर गाँव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की सुबह बच्ची की मौत हो गई और शव के पहुंचने से पहले ही उसके पिता शव को ले गए।
रिपोर्टों के अनुसार, अमदला गांव के ईश्वर दास अपनी बीमार बेटी सुरेखा को तड़के लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य केंद्र में तैनात ग्रामीण चिकित्सा सहायक डॉ. विनोद भार्गव ने कहा, 'लड़की का ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम था, 60 के आसपास। उसके माता-पिता के अनुसार वह पिछले कुछ दिनों से तेज बुखार से पीड़ित थी। आवश्यक उपचार शुरू किया गया था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई और सुबह क़रीब साढ़े सात बजे उसकी मौत हो गई।'
उन्होंने कहा, 'हमने परिवार के सदस्यों से कहा कि एक शव वाहन जल्द ही आ जाएगा। यह सुबह क़रीब 9:20 बजे आया, लेकिन तब तक वे शव लेकर निकल चुके थे।'