कोरोना के मामले बढ़ने पर केंद्र सरकार ने राज्यों को सचेत रहने की सलाह दी है। इसने ख़ासकर छह राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें वायरल संक्रमण में अचानक वृद्धि को नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को पत्र लिखकर जाँच, उपचार, ट्रैकिंग और टीकाकरण पर जोर देने को कहा है।
केंद्र की ओर से यह क़दम तब उठाया गया है जब देश में बुधवार को 24 घंटे में 700 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को ये आंकड़े जारी किए थे। कई राज्यों और शहरों में ये मामले बढ़े हैं। दिल्ली में बुधवार को 42 मामले आए थे जबकि उससे एक दिन पहले मंगलवार को 26 मामले ही दर्ज किए गए थे। मुंबई में भी मंगलवार को 36 मामले आए थे जो कि एक दिन पहले के मुक़ाबले ये आँकड़े दोगुने थे। पिछले एक पखवाड़े में शहर में संक्रमण के मामलों में 200 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इसी बीच केंद्र ने बुधवार को राज्यों को जो चिट्ठी लिखी है उसमें उसने कहा है, 'ऐसे कुछ राज्य हैं जो अधिक संख्या में मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं जो संक्रमण के संभावित स्थानीय प्रसार का संकेत दे रहे हैं। संक्रमण को रोकने के लिए जोखिम मूल्यांकन-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।'
पत्र में कहा गया है कि यह ज़रूरी है कि राज्य को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और संक्रमण के उभरते प्रसार को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही तत्पर रहते हुए कार्रवाई करनी चाहिए। पत्र में राज्यों को जिला और उप-जिला स्तर पर कोविड की स्थिति की जांच करने और कोविड-19 के नियंत्रण के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई है।
बता दें कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को विशेषज्ञों ने चिंताजनक स्थिति नहीं बताया है। डॉक्टरों के मुताबिक़ फ्लू के मौसम के कारण कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इन मौसमी बीमारियों की वजह से लोग कोविड की भी जांच करा रहे हैं और इस वजह से संक्रमण के मामले बढ़े हुए दिख रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कोविड संक्रमणों के लिए दिल्ली के नोडल अस्पताल, लोक नायक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, 'फ़्लू और कोविड दोनों में समान लक्षण हैं जो कोविड के लिए किए गए परीक्षणों में दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि कोविड यहीं रहने वाला है, लेकिन यह कम संख्या में रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोरोना गायब हो जाएगा इसलिए सावधान रहने की ज़रूरत है।
उन्होंने पिछले 10 दिनों में कोविड मामलों में वृद्धि के लिए पिछले तीन हफ्तों में इन्फ्लूएंजा में बढ़ोतरी के बाद अधिक जाँच को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पहले लोग ज़्यादा जाँच नहीं करा रहे थे, लेकिन अब करा रहे हैं।
रेडिफ न्यूज़ के अनुसार वायरोलॉजिस्ट डॉ. जैकब जॉन कहते हैं, 'चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन हमें स्थिति पर नज़र रखनी होगी क्योंकि इन्फ्लूएंजा के मामले भी बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में संख्या में गिरावट आई है।' वह कहते हैं कि इन्फ्लूएंजा सामान्य तौर पर मौसमी बीमारी है, कोरोना किसी विशेष मौसम में नहीं बढ़ता है। डॉ. जॉन कहते हैं, 'सभी लहरें साल के अलग-अलग समय में आई हैं। हम मौसम को कोविड के साथ नहीं जोड़ सकते हैं।'