पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से पहले टीएमसी के नेताओं को समन भेजे गए और अब ममता सरकार के छह अफ़सरों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। टीएमसी ने इस पर एतराज जताया है और कहा है कि यह ताक़त का खुला दुरुपयोग है। इन सभी अफ़सरों को शुक्रवार को नोटिस मिला है।
ईडी और सीबीआई ने इन अफ़सरों को अगले हफ़्ते पूछताछ के लिए बुलाया है। इनमें राज्य सुरक्षा सलाहकार सुरजीत कर पुरकायस्थ को सारदा मामले में, मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव गौतम सान्याल और राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव बीपी गोपालिका को मेट्रो डेयरी शेयर ट्रांसफ़र और विनिवेश मामले में, कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा और पश्चिम बंगाल के पुलिस अफ़सर पार्थ घोष को अवैध कोयला खनन मामले में और जीएसटी के विशेष आयुक्त अरुण प्रसाद को भी एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
इसके अलावा ईडी ने सारदा मामले में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों विवेक गुप्ता और मदन मित्रा से पूछताछ की है। एनआईए ने फरवरी में निमिता रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट के मामले में टीएमसी की उम्मीदवार इमानी विश्वास से पूछताछ की है।
टीएमसी ने कहा है कि ऐसा राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि यह मोदी-शाह की जोड़ी के काम करने का तरीक़ा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका की जांच करे।
सीबीआई और ईडी सारदा पोंजी घोटाला मामले की जांच कर रही हैं। इस घोटाले में हज़ारों निवेशकों के 2,400 करोड़ डूब गए थे। ईडी मदर डेयरी मामले की जांच कर रही है जिसमें यह आरोप है कि बंगाल सरकार ने अपना 47 फ़ीसदी हिस्सा बाज़ार मूल्य से कम क़ीमत पर बेच दिया। सीबीआई इसके अलावा कोयला घोटाला मामले की भी जांच कर रही है।
चटर्जी, मित्रा को समन
कुछ दिन पहले ही सीबीआई और ईडी ने ममता सरकार के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, पूर्व मंत्री मदन मित्रा को समन किया था। चटर्जी और मित्रा दोनों ही चुनाव मैदान में हैं। टीएमसी नेता मानस भूइयां को भी आई-कोर कंपनी के मामले में सीबीआई की ओर से चिट्ठी भेजी गयी है।
सीबीआई ने पिछले हफ़्ते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर, उनके पति अंकुश अरोड़ा और ससुर पवन अरोड़ा को करोड़ों रुपये के कोयला चोरी के मामले में समन भेजा था। कुछ दिन पहले ही अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी को सीबीआई ने कोयला घोटाले में पूछताछ के लिए समन भेजा था और उनसे पूछताछ भी की थी।
टीएमसी के सांसद सौगत राय ने कहा है कि सीबीआई और ईडी बीजेपी के दो सहयोगी हैं और इनका इस्तेमाल टीएमसी के नेताओं को डराने के लिए किया जा रहा है लेकिन यह उन्हें ही उल्टा पड़ जाएगा।
मोदी सरकार पर आरोप
मोदी सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों को विरोधी दलों के नेताओं और उनके रिश्तेदारों के वहां छापेमारी करने भेजती है। ऐसे राज्यों में जहां चुनाव होने वाले होते हैं या फिर जिन राज्यों में विपक्ष की सरकारों को अस्थिर करना होता है वहां इन एजेंसियों की सक्रियता बढ़ जाती है।
विपक्षी नेता निशाने पर
जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से विपक्षी नेताओं में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव, अखिलेश-मायावती, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा सहित कई और नेताओं और आम आदमी पार्टी के कई विधायकों को इन जांच एजेंसियों की ओर से समन भेजा जा चुका है।