यूक्रेन में ताज़ा संकट पर ब्रिटेन के एक मंत्री ने कहा है कि अब कहा जा सकता है कि यूक्रेन में आक्रमण शुरू हो चुका है। उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क और दोनेत्स्क क्षेत्र को आज़ाद देश की मान्यता देने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि शांति बनाए रखने के लिए रूसी सैनिक तैनात किए गए हैं।
ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने स्काई न्यूज को बताया, 'आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू हो गया है। ...रूसी लोगों, राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन की संप्रभुता और इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर हमला करने का फ़ैसला किया है।'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों ने 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जब संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच टकराव ने दुनिया को परमाणु युद्ध के कगार पर ला दिया था।
क्यूबा मिसाइल संकट 1962 में शुरू हुआ था जब सोवियत संघ ने क्यूबा को बैलिस्टिक मिसाइल भेजकर तुर्की में अमेरिकी मिसाइल तैनाती का जवाब दिया था।
बहरहाल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती का आदेश देने के बाद अब ब्रिटेन तुरंत रूस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा।
पुतिन ने औपचारिक रूप से यूक्रेन के दोनों क्षेत्रों- लुहान्स्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र रूप में मान्यता दी है और 'शांति बनाए रखने' के लिए रूसी सेना की तैनाती का आदेश दिया।
जॉनसन ने संवाददाताओं से कहा, 'हम तुरंत आर्थिक प्रतिबंधों का एक पैकेज तैयार करेंगे।'
जॉनसन ने कहा कि प्रतिबंध न केवल डोनबास और लुहान्स्क और दोनेत्स्क में संस्थाओं पर लक्षित होंगे, बल्कि रूस में ही रूसी आर्थिक हितों को निशाना बनाने वाले भी होंगे।'
ब्रिटेन ने अमेरिकी डॉलर और ब्रिटिश पाउंड तक रूसी कंपनियों की पहुंच में कटौती करने की धमकी दी है, उन्हें लंदन में पूंजी जुटाने से रोक दिया है।
रूस की कभी शक्तिशाली महाशक्ति अर्थव्यवस्था अब आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार इटली की तुलना में भी छोटी है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर है। इस लिहाज से आर्थिक प्रतिबंध रूस के लिए गंभीर परिणाम लेकर आ सकते हैं।