कोरोना वायरस के बाद अब एवियन इंफ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू का ख़तरा आ धमका है। दिल्ली में भी इस बर्ड फ्लू का मामला आ चुका है। इसके साथ ही अब तक देश के नौ राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में बर्ड फ्लू के मामले आ चुके हैं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यो में भी अलर्ट है। एक तरह से कहें तो पूरे देश में इसका डर है। अब तक लाखों पक्षी इस बीमारी से मर चुके हैं।
हालाँकि, पिछले हफ़्ते ही सरकार ने साफ़ किया था कि देश में इंसानों में बर्ड फ्लू के मामले नहीं आए हैं, लेकिन यह कितना ख़तरनाक हो सकता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने इस पर बैठक बुलाई है। देश भर में राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा गया है कि वे स्थिति पर नज़र रखें और स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क में रहें। राज्यों से भी यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट उपलब्ध कराया जाए।
आख़िर यह बर्ड फ्लू क्या है और इससे इतना डर क्यों है? बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है। हालाँकि इस बर्ड फ्लू वायरस के अधिकांश रूप पक्षियों को ही संक्रमित करते हैं, लेकिन इसका H5N1 रूप इंसानों और अन्य जानवरों को भी प्रभावित कर सकता है। यह वायरस न तो पक्षियों से इंसानों में आसानी से फैलता है और न ही इस वायरस को इंसान से इंसानों में फैलने के लिए जाना जाता है। लेकिन बर्ड फ्लू के इंसानों में संक्रमण के जितने भी मामले आए हैं उनमें मौत दर ज़्यादा होती है। इसीलिए सरकार भी शायद इसे हल्के में नहीं ले।
दिल्ली सरकार के फ़ैसले से भी इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इस बर्ड फ्लू के संक्रमण को काफ़ी गंभीरता से लेना चाहिए। दिल्ली सरकार ने पक्षियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है और गाज़ीपुर के सबसे बड़े थोक पोल्ट्री बाज़ार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि से पहले शनिवार को ही कहा था, 'संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए हर ज़िले में रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है। पशु चिकित्सक भी लगातार निगरानी कर रहे हैं। संजय झील, भलस्वा झील और हौज खास के पोल्ट्री बाज़ारों पर विशेष नज़र है।'
दिल्ली से लिए गए सभी आठ सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। ये सैंपल मयूर विहार फेज-3, संजय झील और द्वारका से लिए गए थे। 27 बत्तख के मृत पाए जाने के बाद संजय झील को भी बंद कर दिया गया था। हॉज खास और द्वारका सेक्टर 9 में पार्क को बंद कर दिया गया है।
महाराष्ट्र में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। राज्य के प्रभानी और लातुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पक्षियों के मरने के बाद एक किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री फार्म सहित सभी पक्षियों को मारने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा 10 किलोमीटर के दायरे को निगरानी ज़ोन के तौर पर घोषित किया गया है जिसपर लगातार नज़र रखी जाएगी। राज्य में इससे पहले 2006 में बर्ड फ्लू के मामले आए थे।
फ़ोटो साभार: फ़ेसबुक/पुष्कर व्यास
उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग कई एहतियाती उपाय कर रहा है व लोगों से चिड़ियाघरों व पक्षी अभयारण्यों में जाने और किसी भी तरह के पक्षी के संपर्क में आने से बचने का आग्रह किया जा रहा है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी पक्षी की अप्राकृतिक मौत की सूचना दी जाए।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में शनिवार को पंचकूला ज़िले में पाँच पोल्ट्री फार्मों में 1.6 लाख से अधिक पक्षियों को पकड़ने का काम शुरू हुआ। राज्य में पिछले दो-तीन हफ्तों में चार लाख से अधिक पक्षी मृत पाए गए।
हिमाचल प्रदेश के पौंग डैम झील वन्यजीव अभयारण्य में रविवार को 215 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए थे। राज्य में मरे हुए प्रवासी पक्षियों की संख्या 4,235 हो गई है।
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में 400 से अधिक कौवे मृत पाए गए थे। झालावाड़, भरतपुर, नागौर, जैसलमेर, कोटा में प्रवाक्षी पक्षी मृत पाए गए हैं। यहाँ पर कई दिनों से कौवों की मौत हो रही है और जाँच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इनकी मौत का कारण बर्ड फ़्लू है।
केरल में पिछले हफ्ते 12,000 बत्तखों के मरने के बाद हज़ारों पक्षियों को मार दिया गया था अलाप्पुझा और कोट्टायम ज़िलों के कुछ हिस्सों में एवियन इन्फ्लुएंजा के H5N8 की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद राज्य के प्रभावित क्षेत्रों में पोल्ट्री और संबंधित उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई। केरल में बीते सात साल में बर्ड फ्लू का यह तीसरा हमला है।
मध्य प्रदेश में भी लगातार कौवों की मौत की ख़बरें हैं। राज्य के कई इलाक़ों में कौवों की मौत हो चुकी है। इनमें आगर मालवा, सीहोर, मंदसौर, खरगौन शामिल है। मध्य प्रदेश सरकार ने बर्ड फ़्लू की पुष्टि की है।
आम लोगों के लिए जारी निर्देशों में कहा गया है कि पोल्ट्री फ़ॉर्म में काम करने वाले लोगों को ऐसे वक़्त में बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। ऐसे लोग साफ-सफ़ाई का बेहद ध्यान रखें। पोल्ट्री के उत्पाद या मांस अच्छी तरह पका कर ही खाने के निर्देश जारी किए गए हैं।