सरकारी बैठक में तेज प्रताप के जीजा जी का क्या काम: बीजेपी 

06:27 pm Aug 19, 2022 | सत्य ब्यूरो

बिहार में बनी नीतीश-तेजस्वी सरकार को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। यह विवाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव से जुड़ा है। तेज प्रताप यादव के साथ एक सरकारी बैठक में उनकी बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के पति शैलेश कुमार की तसवीर आने को बीजेपी ने मुद्दा बनाया है।

जबकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बैठक में उनके सलाहकार संजय यादव के मौजूद रहने को लेकर विवाद हुआ है। 

तेज प्रताप यादव को नई सरकार में वन और पर्यावरण का महकमा मिला है। तेज प्रताप यादव ने 17 और 18 अगस्त को अपने महकमे के अफसरों के साथ बैठक की और इस बैठक की जो तसवीरें सामने आई उसमें मीसा भारती के पति शैलेश कुमार भी दिखाई दिए। बिहार बीजेपी ने पूछा है कि राज्य सरकार की बैठक में जीजा जी का क्या काम है।

दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जब स्वास्थ्य विभाग की बैठक ले रहे थे तो इसमें उनके साथ उनके राजनीतिक सलाहकार संजय यादव बैठे दिखाई दिए हैं। विभागीय बैठकों में सिर्फ मंत्री और अफसरों को ही बैठने की अनुमति होती है। संजय यादव के पास कोई सरकारी पद नहीं है इसलिए उनके इस बैठक में रहने को लेकर सवाल उठे हैं।

यहां यह भी बताना होगा कि तेज प्रताप यादव के संजय यादव से रिश्ते बेहद खराब रहे हैं।

बीमा भारती की बगावत 

इससे पहले जेडीयू की विधायक बीमा भारती ने जेडीयू की ही नेता और नीतीश सरकार की कैबिनेट मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर लेसी सिंह को नीतीश कैबिनेट से नहीं हटाया गया तो वह विधायक की कुर्सी छोड़ देंगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि बीमा भारती को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। नीतीश ने कहा था कि पार्टी बीमा भारती से संबंध में सवाल पूछेगी और अगर उनका किसी दूसरी जगह जाने का मन है तो वह जा सकती हैं।

विधायक बीमा भारती ने तमाम टीवी चैनलों से बातचीत में कहा है कि लेसी सिंह के खिलाफ जो कोई भी आवाज उठाता है तो लेसी सिंह उसका मर्डर करवा देती हैं और डरा धमका कर रखती हैं। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेसी सिंह को तुरंत अपने मंत्रिमंडल से हटाएं।

बीमा भारती ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेसी सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं करते हैं तो वह विधायक के पद से इस्तीफा दे देंगी।

बताना होगा कि बिहार में 16 अगस्त को नई सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ है। कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय सिंह को लेकर नई सरकार पहले ही विवादों में फंस गई है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के एक मामले में अदालत की ओर से गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका था और 16 अगस्त को उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था। लेकिन इस दिन वह मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। हालांकि दानापुर की एक अदालत ने 1 सितंबर तक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है। 

बीजेपी हमलावर

बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन के मुख्य दल आरजेडी पर हमला कर रही है। उसका कहना है कि बिहार में जंगलराज लौट चुका है और आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। जबकि आरजेडी और नीतीश सरकार का कहना है कि बीजेपी उसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है और घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।