पश्चिम बंगाल की तरह बिहार में भी एक लड़की की गैंगरेप कर हत्या कर दी गई है। कहीं ज़्यादा भयावह! माँ, पिता और भाई के सामने ही नाबालिग लड़की को आरोपी ले गया। कई लोगों ने दुष्कर्म किया। चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी और फिर शव को एक तालाब के किनारे फेंक दिया। पश्चिम बंगाल में पीड़िता एक प्रशिक्षु डॉक्टर थी, जबकि बिहार में दलित और नौवीं कक्षा ड्रॉपआउट।
यह घटना बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक गाँव की है। दलित किशोरी का शव मिलने के बाद छह लोगों पर सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, नाबालिग लड़की का लाश मंगलवार सुबह गांव के एक तालाब के पास मिली। उसके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। लड़की की मां ने पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में संजय राय नामक एक व्यक्ति और उसके कुछ साथियों पर 11 अगस्त को जबरन उसके घर में घुसने और उसकी बेटी का अपहरण करने का आरोप लगाया है। शिकायत के अनुसार संजय राय पड़ोसी गांव का रहने वाला है।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि हालांकि उस समय उसका पति और बेटा घर पर थे, लेकिन वे अपहरण को रोक नहीं पाए क्योंकि संदिग्ध हथियारबंद थे। शिकायत में कहा गया है, 'राय हमें प्रताड़ित कर रहा था, क्योंकि हम दलित हैं और राय एक प्रभावशाली यादव परिवार से आते हैं।'
राय और पांच अज्ञात लोगों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 और हत्या (धारा 103) तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों के तहत सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। राय फिलहाल फरार है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी इंतजार है और बलात्कार की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'मृतका की गर्दन, सिर और हथेली के पीछे धारदार हथियार से घाव के निशान मिले हैं। एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। एक खुरपी बरामद की गई है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के पिता ने कहा, 'संजय यादव उनकी बेटी से शादी करना चाहता था, जो कक्षा 9 की पढ़ाई छोड़ चुकी है।' उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'यादवों ने हमें किसी न किसी बहाने से प्रताड़ित किया है। हममें से कई लोग उनके लिए काम करते थे। हाल ही में, संजय राय हम पर दबाव डाल रहा था कि हम मेरी नाबालिग बेटी की शादी उससे करवा दें। डरकर उसने स्कूल छोड़ दिया।' एफआईआर में भी इसका ज़िक्र है।
एफआईआर में शिकायतकर्ता के हवाले से कहा गया है, 'अगर हमने उसकी शादी उससे नहीं करवाई तो वह उसे जान से मारने की धमकी दे रहा था। हम अपनी किशोर बेटी की शादी 45 साल के आदमी से कैसे कर सकते थे?'
इस घटना ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। इसमें विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है। राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'यह भयावह घटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पकड़ खोने का सबूत है। हत्या, बलात्कार और अन्य गंभीर अपराध आम बात हो गई है।'
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी मंगलवार को ट्वीट कर इस घटना का जिक्र किया। मायावती ने पोस्ट किया, 'हाल ही में बिहार में कमलेश यादव और उसके साथियों ने मधुबनी जिले की 18 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया और कुछ दिनों बाद संजय राय (यादव) और उसके साथियों ने मुजफ्फरपुर जिले में 14 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।'
पोस्ट में आगे कहा गया, 'बसपा बिहार राज्य इकाई से प्राप्त यह रिपोर्ट बहुत ही दुखद और चिंताजनक है। बिहार सरकार को इन दोनों घटनाओं को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं फिर न हों। सरकार को दलितों की सुरक्षा और सम्मान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।'
जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा है कि पुलिस पूरी गंभीरता से मामले से निपट रही है। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा है, 'छापेमारी की जा रही है। अपराध की किसी भी घटना की जांच मानक प्रक्रिया के अनुसार की जाती है। इसे राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। हम भी घटना की निंदा करते हैं और पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है।
बता दें कि कोलकाता में 32 वर्षीय महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव गुरुवार रात पश्चिम बंगाल की राजधानी में सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की आंखों, मुंह और निजी अंगों से खून बह रहा था। उसके बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, और होठों पर भी चोटें थीं। इस मामले ने देश भर में तूल पकड़ा है।