प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार देर रात आरजेडी संस्थापक लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी सुभाष यादव को गिरफ्तार किया। शनिवार (9 मार्च) को बिहार की राजधानी पटना में सुभाष यादव के परिसरों और कई अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तारी की गई।
सुभाष यादव आरजेडी के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। सुभाष यादव, जो ब्रॉडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भी हैं, बिहार में रेत खनन का कारोबार करते हैं। कथित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बिहार पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई कुछ एफआईआर के बाद सामने आया है।
पटना, दानापुर आदि में छापों के बाद केंद्रीय एजेंसी ने लगभग 2.3 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। हालांकि रेत खनन के बड़े कारोबारी होने की वजह से दो-ढाई करोड़ रुपये मिलना सामान्य बात है। ईडी ने यह नहीं बताया कि जो कैश उसने जब्त किया है, उसे वो क्या मान रही है।
इससे पहले आयकर विभाग ने भी सुभाष यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी। 2018 में पटना, दिल्ली और धनबाद में कार्रवाई हुई थी।2019 के लोकसभा चुनाव में, सुभाष यादव ने झारखंड के चतरा से आरजेडी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, हालांकि, वह चुनाव हार गए थे।
आरजेडी इस कार्रवाई को राजनीति से जोड़ रही है। आरजेडी का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार में शामिल होने के बाद लालू समर्थकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसियां लालू यादव, तेजस्वी यादव, लालू की बेटियों और पत्नी के खिलाफ अनगिनत मामलों की जांच कर रही है। ऐसे में सुभाष यादव पर कार्रवाई से पार्टी हैरान नहीं हुई है।