अडानी समूह के कुछ शेयर मंगलवार के कारोबार में 25 प्रतिशत तक चढ़ गए। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर एक समय तो 25 फीसदी उछलकर 1,965.50 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँच गए थे। अडानी पोर्ट्स भी क़रीब 9.64 प्रतिशत चढ़कर 598.70 रुपये तक पहुंच गया था। अडानी विल्मर ने अपनी ऊपरी सर्किट सीमा 399.40, अडानी ट्रांसमिशन ने भी अपनी ऊपरी सर्किट सीमा 1,324.45 रुपये को छू लिया।
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा नकारात्मक रिपोर्ट जारी करने के बाद आठ कारोबारी सत्रों के लिए हड़कंप मचाने के बाद अडानी समूह के शेयरों ने आज रिकवरी दिखायी।
एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध अडानी के 10 शेयरों में से केवल एक अडानी गैस को छोड़कर सभी शेयर तेजी में कारोबार कर रहे थे।
अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 5% ऊपरी सर्किट बैंड में 1,324.45 रुपये पर बंद हुआ। पिछले कुछ सत्रों से लोअर सर्किट पर रहने वाले एनडीटीवी के शेयर आज 225.35 रुपये पर 5% अपर सर्किट पर बंद हुए। इसी तरह अडानी विल्मर पर भी 5 फीसदी का अपर सर्किट लगा।
तो सवाल है कि आख़िर अडानी समूह की कंपनियों में यह तेज़ी क्यों आई? आर्थिक जानकारों का कहना है कि अडानी समूह के प्रवर्तकों द्वारा तीन प्रमुख कंपनियों- अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अडानी ट्रांसमिशन में 1.1 बिलियन डॉलर का ऋण चुकाने के बाद आज की रिकवरी आई है। अडानी ने कहा था कि यह सभी शेयर समर्थित वित्तपोषण को अग्रिम भुगतान करने के प्रमोटरों के आश्वासन की निरंतरता में है।
इधर जेपी मॉर्गन ने कहा है कि अडानी समूह की कंपनियां अभी भी जेपी मॉर्गन के प्रभावशाली बॉन्ड सूचकांकों में शामिल होने के योग्य हैं। समझा जाता है कि इन घोषणाओं के बाद ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों के दाम उछले।
पिछले कुछ दिनों में अडानी के सभी शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण अपने मूल्य का लगभग आधा खो चुका है।
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें धड़ाम गिरी थीं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से क़रीब 120 बिलियन यानी 1.2 ख़रब डॉलर का नुक़सान हो चुका है।
यह रिपोर्ट अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की 20,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन शेयर बिक्री से पहले आई। समूह का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी एफपीओ 31 जनवरी को बंद हो गया। हालाँकि तय समय में यह पूरी तरह सब्सक्राइब्ड हो गया था, लेकिन इस बीच समूह ने शेयर बाज़ार में उथल-पुथल के बीच अपने एफ़पीओ को वापस लेने यानी रद्द करने की घोषणा कर दी।
एफ़पीओ रद्द किए जाने के बाद भी अडानी की कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें गिरनी जारी रही थीं। शुक्रवार को अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर लोअर सर्किट के स्तर पर 10 फ़ीसदी गिरे थे। अडानी टोटल गैस, अडानी गैस, अडानी विल्मर लिमिटेड, अडानी पावर, एनडीटीवी लोअर सर्किट के स्तर पर 5 फ़ीसदी गिरे। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर भी गिरते रहे थे।