केरल विधानसभा चुनाव के बाद मौजूदा वाम मोर्चा सरकार की वापसी हो सकती है। केरल में हर विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल या उनके गठबंधन की हार होती है। लेकिन इस बार सत्तारूढ़ गठबंधन की जीत हो सकती है। एबीपी- सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण से यह संकेत मिलता है। इस सर्वे के अनुसार, वाम लोकतांत्रिक मोर्चा यानी एलडीएफ़ को 71 से 83 सीटें मिल सकती हैं। केरल विधानसभा में 140 सीटें हैं।
इस चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार, कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को 56 से 58 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को शून्य से दो सीटें मिलने के आसार हैं। इसके अलावा किसी दल को कुछ मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। यानी यह साफ़ है कि बीजेपी की स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं पड़ने को है।
वोट शेयर
इस सर्वेक्षण के अनुसार, इस बार एलडीफ को 42.4 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। इसके अलावा यूडीएफ को 38.6 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। बीजेपी को 16.4 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि दूसरे दलों के खाते में 2.6 फीसदी वोट जा सकते हैं।
एबीपी- सी वोटर के सर्वे के अनुसार, सीपीआईएम की अगुआई वाले एलडीएफ को इस बार पिछली बार की तुलना में थोड़ा कम वोट मिलने के आसार हैं। उसे पिछली बार 43.5 प्रतिशत वोट मिले थे। यूडीएफ के वोट शेयर में मामूली बढ़त हो सकती है, यह घट थोड़ा बढ़ कर 38.8 फ़ीसदी हो सकता है। बीजेपी को पिछली बार 14.9 फीसदी वोट शेयर मिले थे। दूसरे दलों को 2.8 फीसदी वोट मिल सकते हैं।
2016 का चुनावी नतीजा
याद दिला दें कि 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में एलडीएफ ने 91 सीटों पर जीत हासिल की थी। दूसरी ओर, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 47 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली थी। उस चुनाव में सीपीआईएम ने 84 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ 58 सीटों पर ही उसे जीत मिली थी। फ्रंट के दूसरे सदस्य सीपीआई ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 19 सीटों पर हासिल की थी।
कांग्रेस ने 87 सीटों पर किस्मत आजमाया था, लेकिन उसे जीत 22 सीटों पर मिली थी। इस गठबंधन के एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, दो पर कामयाबी हासिल की थी। इसी तरह इंडियन यूनियन मुसलिम लीग (आईयूएमएल) ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 पर जीत हासिल की थी। जेडीएस को पाँच में से तीन पर जीत मिली थी।
बता दें कि सी- वोटर ने एबीपी के लिए पाँच राज्यों का चुनाव-पूर्व सर्वे किया है। इस सर्वेक्षण में 47 हज़ार 334 लोगों की राय ली गई है। इसमें सबसे ज़्यादा पश्चिम बंगाल के 17 हज़ार 890 लोग शामिल हैं। इसके साथ ही 17 से 22 मार्च के बीच पश्चिम बंगाल में स्नैप पोल भी किया गया। इस पोल में 2 हज़ार 290 लोगों की राय ली गई। इस पोल में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 प्रतिशत है।