लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के राज्यों पर खास तौर से ध्यान दे रहे हैं। इस कड़ी में पीएम मोदी केरल का बार-बार दौरा कर रहे हैं। सोमवार 15 अप्रैल को भी वह केरल में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष केरल की यह छठी यात्रा कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि केरल में जहां आमतौर पर एलडीएफ और यूडीएफ के बीच ही मुकाबला देखने को मिलता है इस बार भी वही स्थिति है वहां भाजपा को क्या उम्मीद दिख रही है कि वह कुछ सीट भी जीत पायेगी।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने एनडीए के लिए 400 प्लस सीटों का जो लक्ष्य रखा है उसे तभी पाया जा सकता है जब भाजपा दक्षिण भारत के राज्यों से बड़ी संख्या में सीट जीतने में कामयाब हो। उत्तर भारत में वह पहले ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे चुकी है।
ऐसे में उत्तर भारत के राज्यों से भाजपा को अब ज्यादा उम्मीद नहीं है। माना जा रहा है कि उत्तर भारत के राज्यों में अब उसकी सीटों की संख्या घट सकती है। ऐसे में भाजपा को डर यह है कि अगर लोकसभा चुनाव में उसकी हार नहीं भी हुई तो सीटों की संख्या में भारी कमी आ सकती है। इसलिए वह इस बार दक्षिणी राज्यों से अच्छी संख्या में सीट लाना चाहती है।
इसी कड़ी में केरल से उम्मीद बढ़ी है। उसे उम्मीद है कि केरल से कुछ सीट उसे आ सकती है। अगर ऐसा हुआ इस दक्षिणी राज्य में उसकी जड़े भी मजबूत होंगी।
भाजपा यह भी कोशिश कर रही है कि अगर इस चुनाव में उसे उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं भी मिलती है तब भी कम से कम उसका वोट प्रतिशत बढ़े और केरल में उसका कैडर तैयार हो ताकि 2029 के चुनाव में उसे बड़ी जीत यहां से मिल सके। इस मकसद से ही पीएम मोदी बार-बार केरल का दौरा कर रहे हैं ताकि भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश भरा जा सके।
समाचार वेबसाइट द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी इस साल केरल की छठी यात्रा पर हैं। केरल के 20 निर्वाचन क्षेत्रों में से, भाजपा को तिरुवनंतपुरम, अटिंगल, पथानामथिट्टा, त्रिशूर और पलक्कड़ से सबसे अधिक उम्मीदें हैं। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में इन सीटों पर 20 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को केरल की एक और यात्रा कर रहे हैं। मार्च के बाद से यह प्रधानमंत्री की राज्य की दूसरी यात्रा है। उस यात्रा के दौरान उन्होंने पथानामथिट्टा में एक रोड शो और पलक्कड़ जिले में एक रैली की थी।
भाजपा को सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के साथ कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है।
एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, भाजपा इन यात्राओं का उपयोग राज्य के गैर-भाजपा मतदाताओं के बीच "मोदी भक्तों" को लुभाने के लिए करने की कोशिश कर रही है।
द प्रिंट की रिपोर्ट में एक चुनावी विश्लेषक नीलकंदन कहते हैं कि भाजपा की रणनीति राज्य की भाजपा इकाइयों के बीच मनोबल बढ़ाने में मदद कर सकती है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह वोटों में परिवर्तित हो। पीएम मोदी की छवि ऐसे नेता की नहीं है जिसने कुछ अच्छा, ठोस काम किया हो। वे केवल एक ही बात कह रहे हैं वह है राम मंदिर और भारत का विकास। इसका केरल के लोगों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।