राजधानी दिल्ली में कोरोना के विस्फोट और उसे संभालने के लिए ज़रूरी संसाधनों की इतनी ज़्यादा किल्लत है कि सत्तारू़ढ़ दल आम आदमी पार्टी के विधायक शोएब इक़बाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो दिल्ली की सड़कें कोरोना से मरे लोगों की लाशों से पट जाएंगी।
अपने ही क्षेत्र के लोगों की मदद नहीं कर पाने से दुखी और कुंठित होकर इक़बाल ने कहा, 'मुझे दुख हो रहा है कि हम किसी की मदद नहीं कर पा रहे हैं। मैं 6 बार से विधायक हूँ, लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं है। मैं तो यही चाहूँगा कि दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट तुरंत यहां राष्ट्रपति शासन लगाए, वरना सड़कों पर लाशें बिछ जाएंगी।'
आम आदमी पार्टी के इस विधायक ने कहा कि 'हमें केंद्र से सहयोग नहीं मिल रहा है, अगर केंद्र के हाथ में सबकुछ आएगा तो काम हो पाएगा। तीन महीने के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।'
दिल्ली के मटियामहल से विधायक शोएब इक़बाल ने उप राज्य और दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दें ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के बाद अब दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। उसने अरिवंद केजरीवाल सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि आप से मामला संभल नहीं रहा है, बहुत हो चुका, यदि आप नहीं संभाल सकते हैं, तो बताएं, हम ये चीजें केंद्र को सौंप देंगे।
सोमवार को अदालत ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को बहुत ही खरी खोटी सुनाई। हाई कोर्ट ने कहा, 'आपका सिस्टम फेल हो चुका है। दवाओं की कालाबाजारी जारी है। जो लोग ऐसी दवाओं से घर पर इलाज कराना चाहते हैं, उन्हें वह क्यों ना मिले? क्यों सिर्फ अस्पताल में भर्ती लोगों को यह दवा दी जाए?'
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