यमन के एक स्कूल में रमज़ान के मौके पर ज़कात बांटने के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ है। वहां भगदड़ में कम से कम 80 लोग कुचल कर मर गए। हुती के अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को हुए हादसे में 80 से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। यमन युद्ध से बेहाल एक देश है। यमन के एक बड़े हिस्से पर हूती लड़ाकों का कब्जा है। यमन के लोगों पर एक तरफ से सऊदी अरब की ओर से तो दूसरी तरफ से सरकारी फौज और हूती लड़ाकों के हमले होते रहते हैं। यमन अत्यंत गरीब देश है। इसलिए यहां पर दुनिया के तमाम देशों से ज़कात पहुंचती है। यह घटना इसलिए भी दुखदायी है, क्योंकि दो दिनों में ईद आने वाली है।
हुती के एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि बाब अल-यमन जिले में भगदड़ के बाद कम से कम "85 लोग मारे गए और 322 से अधिक घायल हो गए।" उसने नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया, कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है।
एएफपी के मुताबिक हूती नियंत्रित राजधानी सना में घटना एक स्कूल के अंदर हुई जहां ज़कात बांटी जा रही थी। चश्मदीदों के मुताबिक सैकड़ों लोग चैरिटी का सामान लेने के लिए जमा हुए थे।
हुती लड़ाकों के अल मशरिक टीवी चैनल द्वारा प्रसारित एक वीडियो में दिख रहा है कि शवों एक दूसरे के ऊपर लदे हुए हैं। इससे पता चलता है कि भगदड़ के दौरान लोगों ने एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर अपना रास्ता बनाने की कोशिश की थी।
फुटेज में दिखाया गया है कि कई लोगों ने अपने मुंह दूसरे लोगों के हाथों से ढके हुए थे, उनके शरीर के बाकी हिस्से घनी भीड़ में छिप गए थे।
वीडियो में सामने आया कि भगदड़ से लोगों को बाहर निकालने के लिए हथियारबंद सैन्य लड़ाके और ज़कात बांटने वाले कर्मचारियों ने भीड़ को वापस लौटने के लिए कहा। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था।
हूती के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मृतकों और घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया है और ज़कात बांटने में हुई लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। मंत्रालय ने सटीक आंकड़ा तो नहीं दिया, लेकिन कहा कि "कुछ व्यापारियों द्वारा पैसे के बेतरतीब ढंग से वितरण के दौरान भगदड़ में दर्जनों लोग मारे गए।" हूती राजनीतिक प्रमुख महदी अल-मशात ने कहा कि जांच के लिए एक समिति बनाई गई है।
हूती के एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि इसमें शामिल होने के संदेह में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।
यूएन (संयुक्त राष्ट्र) का कहना है कि यमन में आठ साल से अधिक समय से गृहयुद्ध चल रहा है। यूएन ने इसे दुनिया की सबसे खराब मानवीय त्रासदियों में से एक बताया है। यमन में संघर्ष 2014 में शुरू हुआ जब ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों ने सना पर कब्जा कर लिया। जिससे सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन को अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यमन में दो-तिहाई से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है, जिसमें हूती-नियंत्रित क्षेत्रों में सरकारी कर्मचारी शामिल हैं जिन्हें वर्षों से वेतन नहीं मिला है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 21.7 मिलियन से अधिक लोगों वाले इस देश को इस वर्ष मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है।