महाराष्ट्र सरकार में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनकी सुरक्षा एक्स कैटेगरी से बढ़ाकर वाई प्लस कर दी गई है। वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा के तहत सरकार की ओर से एक एस्कॉर्ट वाहन और 5 पुलिसकर्मी हर वक्त मौजूद रहते हैं।
अमृता फडणवीस को ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल भी दिया गया है। ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल यात्रा के दौरान ट्रैफिक को क्लियर करता हुआ चलता है।
देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार में बेहद अहम माने जाने वाला गृह मंत्रालय भी है। यहां बताना जरूरी होगा कि कुछ दिन पहले ही बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार ने विपक्षी दलों के 25 नेताओं की सुरक्षा हटा दी थी। इन नेताओं में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता शामिल थे। जून में शिवसेना में हुई बगावत के बाद राज्य में बीजेपी-एकनाथ शिंदे की सरकार बनी और महा विकास आघाडी को बाहर जाना पड़ा।
देवेंद्र फडणवीस ने उनकी पत्नी की सुरक्षा बढ़ाए जाने के मामले में द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि अमृता ने सुरक्षा बढ़ाए जाने के लिए आवेदन नहीं किया था। उनकी सुरक्षा के खतरे को देखते हुए हाई पावर कमेटी ने उन्हें यह सुरक्षा दी है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पत्नी की ओर से ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल के लिए भी आवेदन नहीं किया गया था और पुलिस से कहा गया था कि उन्हें इस तरह के वाहन की जरूरत नहीं है।
फडणवीस ने कहा, उनकी जानकारी के मुताबिक, ठाकरे परिवार के सभी सदस्यों को इस तरह के ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल दिए गए हैं और इसके अलावा भी कई अन्य लोगों को ऐसे वाहन दिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की सुरक्षा या वाहन दिए जाने के फैसले का किसी पद से कोई लेना देना नहीं है बल्कि यह सुरक्षा को खतरे को लेकर है। उन्होंने अखबार से कहा कई लोग ऐसे भी हैं जो विधायक तक नहीं हैं लेकिन उन्हें जेड या जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है।
इस बारे में शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के उप मुख्यमंत्री एक बार फिर अपने बचाव में झूठ बोलते हुए पकड़े गए हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल आमतौर पर केवल उन्हीं लोगों को दिया जाता है जो लोग किसी संवैधानिक पद पर होते हैं।
राज्य सरकार के खुफिया विभाग के एक अफसर ने अखबार को बताया कि 2 अक्टूबर को विभाग के आयुक्त के दफ्तर से जारी किए गए नोट में कहा गया था कि अमृता फडणवीस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और महाराष्ट्र के अंदर जहां कहीं भी वह जाती हैं, वहां उन्हें ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
क्या है सुरक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया?
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, खुफिया विभाग के आयुक्त एक उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक लेते हैं। यह कमेटी सिक्योरिटी कवर को लेकर अपनी सिफारिश देती है और यह सिफारिश संबंधित व्यक्ति की सुरक्षा को होने वाले खतरे और खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर की जाती है। इसके बाद यह सिफारिश रिव्यू कमेटी को भेजी जाती है। रिव्यू कमेटी की बैठक खुद मुख्य सचिव लेते हैं और उच्चस्तरीय कमेटी के द्वारा की गई सिफारिशों पर अंतिम फैसला लिया जाता है।
ट्रैफिक क्लीयरेंस व्हीकल ट्रैफिक कंट्रोल रूम के संपर्क में भी रहता है और लगातार वीआईपी शख्स के रूट के बारे में फील्ड में तैनात लोगों को जानकारी देता रहता है। इसमें एक ड्राइवर और दो पुलिसकर्मी होते हैं।
इन नेताओं की हटाई गई थी सुरक्षा
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र में जिन विपक्षी नेताओं की सुरक्षा हटाई गई थी उनमें अनिल देशमुख, छगन भुजबल, बालासाहेब थोराट, नितिन राउत, नाना पटोले, जयंत पाटिल, संजय राउत, विजय वडेट्टीवार, धनंजय मुंडे, नवाब मलिक, नरहरि झिरवल, सुनील केदार, असलम शेख, अनिल परब और अन्य के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा एनसीपी के नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल की सुरक्षा को जेड कैटेगरी से घटाकर वाई प्लस कर दिया गया था।