कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का सामना कर रहे चीन में घरों में ताले और लोहे की छड़ों से दरवाजों को बंद क्यों किया जा रहा है? कुछ वीडियो में तो कम से कम ऐसा करते देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कुछ वीडियो में अधिकारी लोहे की छड़ों से दरवाजों को बंद करते दिखते भी हैं। चीन में अब तक कोरोना पर नियंत्रण के पीछे एक वजह दुनिया के सबसे सख़्त लॉकडाउन को भी बताया जा रहा है, तो क्या ऐसी सख़्ती से चीन में कोरोना को फैलने से रोका जा रहा है? तो क्या वुहान में पिछले साल कोरोना को फैलने से रोकने में सफलता का राज यही है?
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें चीन के अधिकारी लोगों को घरों में बंद करते दिख रहे हैं। ये वीडियो तब आ रहे हैं जब चीन में डेल्टा वैरिएंट फैलने लगा है और इसको लेकर काफ़ी ज़्यादा डर है। चीन अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है।
एक समय 'ज़ीरो केस' होने का दावा करने वाले चीन में अब हर रोज़ 100 से भी ज़्यादा मामले आ रहे हैं। लाखों लोग लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के कारण घरों से बाहर नहीं निकल सकते, यात्रा प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और बड़े पैमाने पर जाँच की जा रही है। बीज़िंग सहित कई शहरों में मास टेस्टिंग की जा रही है।
ऐसी सख़्ती के बीच ही लोगों के घरों में ताले मारे जाने की रिपोर्ट आई है। ताइवान न्यूज़ के लिए केओनी एवरिंगटन ने लिखा है कि यह क़दम महामारी की शुरुआत में वुहान में देखा गया था जो अब दोहराया जा रहा है।
ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यू-ट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो में इसके संपादक का दावा है कि अगर किसी ने एक दिन में तीन से अधिक बार अपना दरवाजा खोला, तो उसे अधिकारियों द्वारा अंदर बंद कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, पूरे पीपीई पहने लोगों को एक दरवाजे के ऊपर धातु की बड़ी छड़ों को हथौड़े से मारते देखा जा सकता है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वीबो, ट्विटर और यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक अन्य वीडियो में दिखता है कि कई दरवाजे सील किए जा रहे हैं और निवासियों को एक रिकॉर्डिंग सुनाई जा रही है, जिसमें घोषणा की गई है: "लोगों को बाहर नहीं जाना चाहिए। जैसे ही वे पकड़े जाएँगे, उनके दरवाजे सील कर दिये जाएँगे।'
ट्विटर अकाउंट 'थिंग्स चाइना डोंट वांट यू टू नो' द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो में कहा गया है कि 'अगर अपार्टमेंट में कोई भी पॉजिटिव पाया जाता है या किसी पुष्ट मामले के संपर्क में आया पाया जाता है, तो पूरी इमारत को दो से तीन सप्ताह के लिए सील कर दिया जाएगा। और कई बार लंबे समय तक भी।'
बता दें कि चीन में हाल में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैले हैं। स्थानीय स्तर पर संक्रमण के फैलने का मतलब है कि संक्रमित व्यक्ति ने न तो विदेश का दौरा किया है और न ही वह ज्ञात रूप से किसी ऐसे व्यक्ति से संक्रमित हुआ हो जिसने विदेश का दौरा किया है।
यह वह देश है जहाँ सबसे पहले कोरोना संक्रमण का मामला 2019 में ही आया था, जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है वहाँ अब तक सिर्फ़ 94 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं और वह सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में 107वें नंबर पर है। ऐसा इसलिए कि कोरोना को नियंत्रित करने में वह काफ़ी हद तक कामयाब रहा।
बीजिंग ने वुहान शहर में पहली बार कोरोनो के मामले आने के बाद संक्रमण के मामले को लगभग शून्य पर लाने में अपनी सफलता का दावा किया था। लेकिन ताज़ा प्रकोप और डेल्टा वैरिएंट उस पर सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट अब तक सबसे ज़्यादा तेज़ फैलने वाला और सबसे ज़्यादा घातक भी है। फ़ोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के वुहान में सबसे पहले मिले कोरोना संक्रमण से 50 फ़ीसदी ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाला अल्फा वैरिएंट था। यह वैरिएंट सबसे पहले इंग्लैंड में पाया गया था। इस अल्फा से भी 40-60 फ़ीसदी ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाला डेल्टा वैरिएंट है। यह सबसे पहले भारत में मिला था और अब तक दुनिया के अधिकतर देशों में फैल चुका है।
यह डेल्टा वैरिएंट वही है जिसे भारत में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही लाने के लिए ज़िम्मेदार माना गया।