यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण के दौरान अगर रूस रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है तो अमेरिका भी इसका जवाब देगा। यूक्रेन के एक अखबार ने न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से यह बात कही है। अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा के आला अफसरों की ‘टाइगर टीम’ इस बात पर विचार कर रही है कि अगर रूस नाटो क्षेत्रों में हमला करता है तो वह यूक्रेन को हथियारों की व अन्य सहायता देगा।
नाटो के चीफ जैन स्टोल्टनबर्ग ने भी कहा है कि सहयोगी देश रासायनिक, जैविक और परमाणु खतरों से यूक्रेन को सुरक्षा देंगे।
रूस के प्रवक्ता दिमित्री पास्कोव ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में अगर उसके लिए अपने अस्तित्व को बचाने का खतरा होगा तो उनका देश परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा।
कुछ दिन पहले रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव ने भी कहा था कि तीसरा विश्व युद्ध परमाणु हथियारों के दम पर लड़ा जाएगा और यह बेहद विनाशकारी साबित होगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध के दौरान अपनी न्यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट मोड में डालने का आदेश दे चुके हैं।
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूरोप के दौरे पर हैं और वह नाटो देशों के नेताओं से भी मिल सकते हैं। नाटो, G7 और यूरोपियन यूनियन के देशों के बीच भी रूस यूक्रेन के मसले पर बैठक होने जा रही है।
तीसरे विश्व युद्ध की आशंका!
निश्चित रूप से रूस यूक्रेन जंग के बीच परमाणु, जैविक और रासायनिक हथियारों की बात का आना पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में दुनिया की बड़ी ताकतें और दूसरे देश भी शामिल होंगे तो इस वजह से तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा और इससे दुनिया भर में बड़ी तबाही होगी।
ऐसे हालात में यह जरूरी है कि रूस यूक्रेन के बीच चल रही जंग खत्म हो और दुनिया के तमाम बड़े मुल्क तनाव को घटाने की दिशा में काम करें लेकिन बीते 1 महीने में ऐसा होता नहीं दिखाई दिया है।
तबाही का मंजर
रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने को 1 महीने का वक्त पूरा होने वाला है और इस वजह से यूक्रेन के कई शहरों में तबाही का मंजर है। इस युद्ध के कारण लगभग 40 लाख लोग शरणार्थी हो चुके हैं और दूसरे मुल्कों में जाकर बेहद खराब हालत में रहने के लिए मजबूर हैं।
सैटेलाइट तसवीरों से पता चला है कि यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर मारियूपोल में जबरदस्त तबाही हुई है और रिहायशी इलाकों में आग लगने की वजह से वहां से लगातार धुआं उठ रहा है । अभी भी 1 लाख लोग मारियूपोल में फंसे हुए हैं।
उधर, रूस में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के एक शीर्ष सलाहकार ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। उन्होंने यह कदम रूस के द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के विरोध में उठाया है।