तुर्की के बड़े शहर इस्तांबुल में रविवार शाम को एक व्यस्त बाजार में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए। राष्ट्रपति रिचप तैयप एर्दोगन ने कहा है कि शुरुआती संकेतों के मुताबिक, इस बम धमाके के आतंकी हमला होने का संदेह है। उन्होंने कहा कि तमाम एजेंसियां इस हमले के लिए जिम्मेदार अपराधियों की तलाश में जुटी हुई हैं और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उपराष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा है कि एक आत्मघाती हमलावर ने इस बम धमाके को अंजाम दिया है।
यह धमाका इस्तांबुल के स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय इस्तिकलाल शॉपिंग स्ट्रीट में शाम 4 बजे के करीब हुआ। धमाके के बाद पूरे इलाके में सुरक्षाबलों के जवानों को तैनात कर दिया गया है और इस जगह तक पहुंचने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है।
न्यूज एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, तुर्की के मंत्री सुलेमान सोयलू ने सोमवार को बताया कि इस्तांबुल में धमाका करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इस जगह पर साल 2015-16 में भी बम धमाके हो चुके हैं और तब इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठनों ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। उस वक्त हुए हमलों में लगभग 500 लोग मारे गए थे और 2000 से ज्यादा घायल हो गए थे।
बम धमाके के एक प्रत्यक्षदर्शी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि जहां पर यह धमाका हुआ, वह उस वक्त वहां से 50 से 55 मीटर की दूरी पर थे। उन्होंने धमाके के बाद 3 से 4 लोगों को जमीन पर गिरे हुए देखा और लोग इधर-उधर भाग रहे थे।
उन्होंने बताया कि धमाके के दौरान जबरदस्त आवाज हुई और लोग अपने बच्चों को लेकर वहां से तेजी से निकल गए। धमाके के वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग इस शॉपिंग स्ट्रीट में चहलकदमी कर रहे थे और अचानक धमाका होने की वजह से वे दहशत में आ गए और भागने लगे।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने धमाके में मारे गए लोगों के लिए दुख व्यक्त किया है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।