श्रीलंका में सरकार के सभी 26 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने विपक्ष के नेताओं से सरकार में शामिल होने की अपील की है। राष्ट्रपति ने कुछ नए मंत्रियों को भी नियुक्त किया है। श्रीलंका में रविवार रात को सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री के पद पर बने हुए हैं।
दूसरी ओर मुल्क में राजपक्षे के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।
राष्ट्रपति ने जिन चार नए मंत्रियों को नियुक्त किया है उनमें वित्त मंत्री अली सबरी, विदेश मंत्री जीएल पेइरिस, शिक्षा मंत्री दिनेश गुणवर्धने और राजमार्ग मंत्री जॉनसन फर्नांडो का नाम शामिल हैं।
उधर, लगातार आर्थिक बदहाली के बीच श्रीलंका में केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड कबराल ने अपना पद छोड़ दिया है। उन्होंने ट्विटर पर इस बात का एलान किया। पूरी कैबिनेट के इस्तीफे का असर श्रीलंका के स्टॉक एक्सचेंज पर भी पड़ा और कुछ वक्त के लिए इसमें व्यापार रुक गया।
मुल्क में चल रहे हालात को लेकर विपक्ष के नेता सजीत प्रेमदासा ने कहा है कि देश में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है और तभी लोगों को राहत मिल सकती है।
श्रीलंका में हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों को पेट्रोल और डीजल तक मिलना मुश्किल हो गया है। बिजली का उत्पादन नहीं होने से हर दिन 10 घंटे से ज़्यादा का पावरकट लग रहा है। स्कूलों में परीक्षाएं ठप हैं और जरूरी दवाएं भी लोगों को नहीं मिल पा रही हैं।
रविवार को बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने मुल्क में चल रही आर्थिक बदहाली के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। पुलिसकर्मियों को उन्हें हटाने के लिए पानी की बौछार करनी पड़ी थी।
छात्र सरकार की ओर से लगाए गए वीकेंड कर्फ्यू का भी विरोध कर रहे थे। बीते हफ्ते बड़ी संख्या में लोगों ने कोलंबो में प्रदर्शन किया था और राष्ट्रपति के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की थी। तब उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी। लोगों की मांग थी कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को हटा दिया जाना चाहिए।