बशर अल-असद ने सीरियाई राष्ट्रपति पद त्यागा, देश छोड़ा: रूस

07:51 pm Dec 08, 2024 | सत्य ब्यूरो

रूसी विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के आदेश देने के बाद देश छोड़ दिया है। इसने कहा है कि बशर अल-असद ने सशस्त्र संघर्ष में अन्य प्रतिभागियों के साथ बातचीत के बाद पद और देश छोड़ा है और उन्होंने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के आदेश दिए।

रॉयटर्स ने रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा कि रूस ने उनके जाने के बारे में बातचीत में हिस्सा नहीं लिया है। इसने कहा कि सीरिया में रूस के सैन्य ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन फिलहाल उन्हें कोई गंभीर खतरा नहीं है। रूस का यह बयान तब आया है जब सीरियाई विद्रोही समूह ने रविवार को राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही असद परिवार के पांच दशकों के शासन का अंत हो गया। दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद विद्रोही गुट ने रविवार को शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। 

सीरियाई विद्रोहियों ने सरकारी टेलीविजन पर अपनी पहली घोषणा में कहा है कि उन्होंने दमिश्क को आज़ाद कर दिया है और जेल में बंद सभी कैदियों को रिहा करते हुए असद के शासन को उखाड़ फेंका है। विद्रोही गुटों ने कहा कि हम अपने शहर की आज़ादी और तानाशाह असद के पतन की घोषणा करते हैं। विद्रोहियों द्वारा राजधानी पर कब्ज़ा करने के बाद दमिश्क में कई लड़ाके और स्थानीय लोगों का एक समूह सड़कों पर उतर आया और खुशी मनाई। 

इस बीच, लेबनान ने कहा है कि वह बेरूत को दमिश्क से जोड़ने वाले रास्ते को छोड़कर सीरिया के साथ अपनी सभी ज़मीनी सीमा क्रॉसिंग को बंद कर रहा है। इसी तरह, जॉर्डन ने भी सीरिया के साथ एक सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया।

एपी की रिपोर्ट के अनुसार इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इसराइली सेना ने सीरिया के साथ 1974 के युद्धविराम समझौते के तहत गोलान हाइट्स में एक बफर जोन पर कब्जा कर लिया है। उनका यह बयान सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद को देश के विद्रोही बलों द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद आया है। नेतन्याहू ने कहा कि दशकों पुराना समझौता टूट गया है और सीरियाई सैनिकों ने अपनी स्थिति छोड़ दी है, जिसके कारण इसराइल को वहां कब्जा करना पड़ा। संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे सीरिया के कब्जे वाले क्षेत्र के रूप में देखता है।

तेहरान के सहयोगी रहे बशर अल-असद को विद्रोहियों द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीरिया का भाग्य उसके नागरिकों की एकमात्र जिम्मेदारी है और इसे विदेशी दबाव या विनाशकारी हस्तक्षेप के बिना आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार रूस की संसद के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष कोंस्टैंटिन कोसाच्योव ने रविवार को कहा कि सीरियाई लोगों को अकेले ही गृहयुद्ध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मॉस्को कुछ परिस्थितियों में सीरियाई लोगों का समर्थन करने के लिए तैयार है। 

असद के कट्टर सहयोगी रूस ने सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान 2015 में उसे सहारा देने के लिए निर्णायक रूप से हस्तक्षेप किया था। लेकिन अपने सैन्य संसाधनों के ज़्यादातर यूक्रेन में लगे होने के कारण, रूस की ज़मीन पर स्थिति को प्रभावित करने की क्षमता इस बार कहीं ज़्यादा सीमित थी। दमिश्क में रूसी दूतावास ने कहा है कि उसके कर्मचारी 'ठीक' हैं।

अंतरराष्ट्रीय मामलों के एक अनुभवी रूसी विशेषज्ञ कोसाच्योव ने भविष्यवाणी की कि सीरिया में गृह युद्ध असद के जाने के साथ ख़त्म नहीं होगा और कठिन समय आगे आने वाला है।