रूस में जिस वैगनर ग्रुप पर तख्ता पलटने की कोशिश का आरोप लगा है, हाल ही में उस पर यूक्रेन में भी वहां के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या की कोशिश और यू्क्रेन की तख्ता पलट का आरोप लगा था। यानी वैगनर ग्रुप हाल तक पुतिन के लिए काम करता था। इस तरह की रिपोर्ट पश्चिमी मीडिया ने दी थी।
सारे मामले में लोचा ये है कि टाइम्स पत्रिका समेत सभी पश्चिमी मीडिया ने उस समय जिस ओलिगार्च एवगेनी प्रिगोझिन को राष्ट्रपति पुतिन का निकट सहयोगी बताया था, उसी प्रिगोझिन को रूसी राष्ट्रपति ने इस तख्ता पलट का खलनायक बताया है। उन्होंने अपने संबोधन में प्रिगोझिन का नाम लिया है। जबकि मीडिया अब उन्हें वैगनर से जुड़ा हुआ बता रहा है।
वैगनर के सैनिक अभी भी रूस की तमाम बैरकों में रह रहे हैं और पुतिन के निर्देश पर वो कार्रवाई को अंजाम देते हैं। लेकिन वैगनर समूह के चीफ से पुतिन का अब 36 का आंकड़ा हो गया है और उस पर अब तख्ता पलट का आरोप है।
अप्रैल 2022 की बात हैयह पिछले साल अप्रैल 2022 की बात है। जब पश्चिमी मीडिया ने खबर दी थी कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की हत्या के लिए अफ्रीका से 400 से अधिक भाड़े के सैनिकों को भेजा गया है। ऐसे भाड़े के हत्यारों की लोकेशन अफ्रीका रहती है, लेकिन वे लोग दुनिया के किसी भी कोने में आपराधिक गतिविधियों की डील करते रहते हैं।
वैगनर समूह के नाम वाले एक निजी मिलिशिया ने कथित तौर पर व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर ज़ेलेंस्की और 23 अन्य सरकारी लोगों को खत्म करने का प्लॉट तैयार किया है। ताकि रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने का आसान मौका मिल सके।
टाइम्स के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी ओलिगार्च येवगेनी प्रिगोज़िन, जिन्हें पुतिन के किचन कैबिनेट का शख्स भी कहा जाता है, पांच हफ्ते पहले इस मिशन के लिए अफ्रीका गए थे। वैगनर ग्रुप को इस मिशन के बदले मोटी राशि देने का वादा किया गया है। कहा जाता है कि बहुत टॉप लेवल के प्रशिक्षित भाड़े के हत्यारे क्रेमलिन की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। उनकी हिट लिस्ट में यूक्रेन के प्रधानमंत्री, पूरी कैबिनेट, कीव विटाली क्लिट्स्को के मेयर और उनके भाई आदि भी शामिल हैं।
इसकी सूचना जैसे ही यूक्रेन को मिली, कीव में 36 घंटे का बहुत कड़ा कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। इसकी वजह यह बताई गई कि कर्फ्यू की स्थिति में अगर अफ्रीकन समूह के लोग सड़कों पर आते हैं तो उनकी पहचान आसानी से हो जाएगी।
वैगनर समूह की गतिविधियों की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने टाइम्स को बताया कि जनवरी 2022 में 2,000 से 4,000 भाड़े के सैनिक वास्तव में यूक्रेन पहुंचे थे। कुछ को दोनेत्स्क विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में भेजा गया था। कुछ में लुहान्स्क में और 400 भाड़े के सैनिकों को ज़ेलेंस्की को खत्म करने के लिए बेलारूस से कीव की ओर भेजा गया था।
कहा जाता है कि यह समूह ज़ेलेंस्की और उनके सहयोगियों को अपने मोबाइल फोन के जरिए ट्रैक कर रहा था। वो ये जानने की कोशिश करता रहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति किस समय कहाँ हैं। एक अन्य सूत्र ने दावा किया कि बाद में भाड़े के हत्यारों को थोड़े इंतजार के लिए कहा गया। क्योंकि पुतिन फिर ज़ेलेंस्की के साथ 'शांति वार्ता' के मौके तलाशने लगे।
हत्या की योजना की इन सूचनाओं ने ज़ेलेंस्की को विचलित नहीं किया। उन्होंने यूक्रेन के लोगों को संबोधित करने के दौरान यह स्वीकार किया कि वो 'टारगेट नंबर एक' हैं। उन्हें पता था कि रूसी स्पेशल फोर्स उनका शिकार करने निकले हैं। जब अमेरिका ने उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने की पेशकश की, तो उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहा: 'मुझे गोला-बारूद चाहिए, सवारी नहीं।'
वैगनर ग्रुप ने सीरिया सहित पूरे अफ्रीका और मध्य पूर्व में गुप्त अभियान चलाए हैं। इस समय वो यूक्रेन में रूसी टैंकों को राजधानी कीव में गाइड करने के लिए जमीन पर हैं।
संयुक्त सेना कमान के पूर्व कमांडर जनरल सर रिचर्ड बैरन्स ने कहा: वे बहुत प्रभावी हैं क्योंकि उन्हें खोज पाना मुश्किल है। वे खतरनाक हैं, बहुत हिंसक गतिविधियां कर गायब हो सकते हैं। उस समय यह पता लगाना मुश्किल होगा कि उसका जिम्मेदार कौन था। वे चूंकि सीधे तौर पर रूसी सरकार से नहीं जुड़े हैं और इसलिए वे फौरन खंडन करने की स्थिति में भी रहते हैं।
सूत्रों ने टाइम्स को बताया कि रूसी सेना को बताए जाने से बहुत पहले दिसंबर में मिलिशिया को यूक्रेन पर पुतिन की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुतिन को अपने सैनिकों और जनरलों से यूक्रेन पर हमले की योजनाओं का विरोध करने की आशंका थी। इसलिए कुछ को मार डाला गया था।