पाकिस्तान: तब्लीग़ी जमात पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप, हिंदुओं ने किया प्रदर्शन

07:55 am May 18, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि इसलामिक संगठन तब्लीग़ी जमात उनका जबरन धर्मांतरण करा रहा है। हिंदुओं ने कहा है कि तब्लीग़ी जमात के लोगों ने उनका उत्पीड़न किया, उनके घरों को तहस-नहस कर दिया और इसलाम कबूल न करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण कर लिया। 

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक़, भील समुदाय के लोगों ने जबरन धर्मांतरण और उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन किया है। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी महिला कहती है, ‘हम मरना पसंद करेंगे लेकिन इसलाम कबूल नहीं करेंगे।’ महिला के साथ खड़े दूसरे लोग तब्लीग़ी जमात के ख़िलाफ़ नारे लिखे हुए पोस्टर्स हाथों में लिए हुए हैं। महिला का वीडियो भारत में वायरल हो रहा है। यह प्रदर्शन मटियार के नासूर पुर में हुआ।  

आईएएनएस के मुताबिक़, महिला कहती है कि उन लोगों की संपत्तियों को हड़प लिया गया, उन्हें पीटा गया और घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। महिला के मुताबिक़, उन लोगों से कहा गया है कि अगर वे अपने घर वापस आना चाहते हैं तो उन्हें धर्म परिवर्तन कराना होगा। 

एक दूसरे वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला ज़मीन पर लेटी हुई है और चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है कि उसके बेटे का तब्लीग़ी जमात के लोगों ने अपहरण कर लिया है। महिला अपने बेटे को छोड़ने की अपील करती है। 

भारत में तब्लीग़ी जमात का नाम अचानक से तब चर्चा में आया था, जब मार्च के महीने में दिल्ली के मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। पाकिस्तान में भी तब्लीग़ी जमात के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 

मानवाधिकार आयोग ने की आलोचना

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी इस बात को कहा है कि देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर भयावह, धार्मिक रूप से प्रेरित हमले हुए हैं और इस हिंसा, पूर्वाग्रह और असमानता को ख़त्म करने की दिशा में की गई कोशिशें दिखती ही नहीं हैं। 

आयोग ने बीते समय में हुई घटनाओं की याद दिलाते हुए कहा है कि पंजाब और सिंध में 14 साल की बच्चियों का अपहरण किया गया, उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया और शादी के लिए मजबूर किया गया। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत से हिंदुओं और ईसाइयों के जबरन धर्मांतरण की ख़बरें आना आम बात है। 

आयोग ने आगे कहा है कि बीते कुछ सालों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है और ईश निंदा के आरोपों में भीड़ ने उन पर हमले किए हैं। आयोग के मुताबिक़, हिंदू समुदाय ख़ुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।

आयोग ने कहा है कि पाकिस्तान में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने का एक लंबा इतिहास रहा है। 

आयोग अपनी रिपोर्ट में कहता है कि लोगों को स्कूलों में इसलामिक शिक्षा पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा ईसाइयों के कब्रिस्तान और हिंदुओं के श्मशान के लिए भी देश में पर्याप्त जगह नहीं है। 

‘हज़ारों हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कराया’ 

पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार ‘डॉन’ ने इन घटनाओं पर कई ख़बरें की हैं। 'डॉन' ने उमरकोट ज़िले के सरहंदी श्राइन के गद्दी नशीं पीर मुहम्मद अयूब जन सरहंदी से बातचीत के आधार पर 17 अगस्त, 2017 को एक रिपोर्ट छापी थी। बातचीत के दौरान सरहंदी दावा करते हैं कि उन्होंने हज़ारों हिंदू लड़कियों का इसलाम में धर्मांतरण कराया है। वह कहते हैं, ‘इसमें से अधिकतर लड़कियाँ अनुसूचित जाति से संबंधित भील, मेघवार और कोहली समुदाय की थीं।’