कराची पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक मुफ्ती कैसर फारूक को कराची में "अज्ञात लोगों" ने गोली मार दी। द डॉन अखबार ने मुप्ती कैसर के साथ एक और लड़के फारूक शाकिर के घायल होने की खबर दी है। चार दिनों पहले एक और लश्कर आतंकी की गुलिस्तान-ए-जौहर में शाम को सैर करने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 30 वर्षीय कैसर फारूक को समानाबाद इलाके में एक "टारगेट हमले" में गोली मार दी गई। पीठ में गोली लगने से घायल फारूक को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना में घायल लड़का फारुक शाकिर अस्पताल में भर्ती है।
फारूक की हत्या की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल है। द डॉन के मुताबिक समानाबाद के थाना प्रभारी इरशाद अहमद सूमरो ने कहा कि घायलों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान फारूक की मौत हो गई। उसे पीठ में गोली लगी थी जबकि शाकिर को चेहरे पर गोली लगी थी। उन्होंने कहा कि घायल लड़का, शाकिर, उस मदरसे का छात्र था। सेंट्रल एसएसपी फैसल अब्दुल्ला चाचर ने कहा कि यह एक टारगेट हत्या प्रतीत होती है क्योंकि पीड़ितों से कुछ भी नहीं छीना गया था।
इधर पाकिस्तान में कई आतंकी मारे गए हैं और इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। अभी चार दिनों पहले एक चौंकाने वाली घटना में, कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर इलाके में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक प्रमुख मौलवी मौलाना जियाउर रहमान को सैर के दौरान गोली मार दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मोटरसाइकल पर सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी, जिससे पाकिस्तान की आईएसआई हैरान रह गई। हालांकि पाकिस्तान में धार्मिक नेताओं से जुड़ी ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं, लेकिन इस हत्या ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
पाकिस्तान में आतंकियों की इन हत्याओं के बीच उल्लेखनीय समानता ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई की नींद हराम कर दी है। कहा जा रहा है कि इन घटनाओं ने आईएसआई को एहतियाती कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। इन घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखने वाले सूत्रों का कहना है कि आईएसआई ने अपनी लगभग एक दर्जन "संपत्तियों" को देश के अंदर "सेफ हाउस" में ट्रांसफर कर दिया है। लश्कर के आतंकी मौलाना लोग आईएसआई की संपत्ति के रूप में जाने जाते हैं। चूंकि पाकिस्तान में एक-एक कर लश्कर आतंकी मारे जा रहे हैं, इसलिए आईएसआई ने इन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।
लश्कर से जुड़े मौलाना जियाउर रहमान और मुफ्ती फारूक कैसर 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खास लोगों में से थे। इसी तरह लश्कर के दो और आतंकी अबु कासिम कश्मीरी की रावलकोट और कारी खुर्रम शहजाद की नजीमाबाद में इस महीने की शुरुआत में अज्ञात लोगों ने इसी अंदाज में हत्या कर दी थी। इस तरह लश्कर से सीधे जुड़े चार आतंकी पाकिस्तान में मार दिए गए।
आईएसआई को सबसे बड़ा झटका पाकिस्तान में इन दोनों के मारे जाने से पहले खालिस्तान कमांडो (केसीएफ) फोर्स के प्रमुख और आतंकवादी परमजीत पंजवड़ की लाहौर में मई महीने में हत्या से लगा था। पंजवड़ भारत में बम धमाकों के लिए मोस्ट वॉन्टेड था। पंजवड़ की हत्या से आईएसआई परेशान हो गई थी।