पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को एक मसजिद में हुए विस्फोट में कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई और 100 अन्य घायल हो गए। यह धमाका दोपहर क़रीब 1.40 बजे तब हुआ जब ज़ुहर की नमाज अदा की जा रही थी। विस्फोट के प्रभाव से मसजिद का एक हिस्सा ढह गया।
पाकिस्तान के अंग्रेजी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार लेडी रीडिंग हॉस्पिटल के प्रवक्ता मोहम्मद असीम ने कहा है कि कुछ घायलों की हालत गंभीर है। अख़बार ने ख़बर दी है कि पुलिस, सेना और बम निरोधक दस्ते के कर्मी मसजिद के अंदर पहुँचे।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में जमीन पर मलबे को देखा जा सकता है। टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित तस्वीरों में लोगों को मस्जिद की ढही हुई दीवार के पास जमा होते देखा जा सकता है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक 'आत्मघाती हमलावर' ने नमाज के दौरान मसजिद के अंदर खुद को उड़ा लिया। पीटीआई ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया कि आत्मघाती हमलावर नमाज के दौरान अग्रिम पंक्ति में मौजूद था, तभी उसने खुद को उड़ा लिया। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी के मारे गए कमांडर उमर खालिद खुरासानी के एक भाई ने दावा किया है कि आत्मघाती हमला उसके भाई की मौत का बदला लेने के लिए किया गया। उमर खालिद खुरासानी पिछले अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान में मारा गया था। पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाने वाले प्रतिबंधित टीटीपी ने पहले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विस्फोट की कड़ी निंदा की और कहा है कि इस घटना के पीछे के हमलावरों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, 'आतंकवादी उन लोगों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं जो पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाते हैं।' उन्होंने कहा कि पूरा देश आतंकवाद के ख़तरे के खिलाफ एकजुट खड़ा है।
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने भी पेशावर में 'आतंकवादी आत्मघाती हमले' की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि हम अपनी खुफिया जानकारी को दुरुस्त करें और आतंकवाद के बढ़ते ख़तरे से निपटने के लिए अपने पुलिस बलों को ठीक से तैयार करें।'
इस तरह की आखिरी बड़ी घटना पिछले साल पेशावर में हुई थी, जब कोचा रिसालदार इलाके में एक शिया मसजिद के अंदर एक आत्मघाती विस्फोट में 63 लोगों की मौत हो गई थी।
इस्लामाबाद में सुरक्षा हाई अलर्ट
इस्लामाबाद पुलिस के एक ट्वीट में इस्लामाबाद के महानिरीक्षक डॉ. अकबर नासिर खान ने राजधानी में 'सुरक्षा हाई-अलर्ट' रखने के निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि शहर के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और निगरानी की जा रही है।
पुलिस ने कहा है कि स्नाइपर्स को महत्वपूर्ण बिंदुओं और इमारतों पर तैनात रखा गया और पुलिस को थर्मल इमेजिंग सुविधाएं प्रदान की गईं।