पाक पीएम पद के दावेदार शहबाज शरीफ बोले- बदले की कार्रवाई नहीं होगी

09:56 am Apr 10, 2022 | सत्य ब्यूरो

पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनने के सबसे बड़े दावेदार शहबाज शरीफ ने वादा किया है कि नई सरकार के तहत राजनीतिक विरोधियों के ख़िलाफ़ कोई प्रतिशोध की कार्रवाई नहीं होगी। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि क़ानून अपना काम करेगा।

अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान खान को पद से हटाए जाने के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली सोमवार को दोपहर 2 बजे नए पीएम का चुनाव करने के लिए फिर से बुलाई जाएगी। संयुक्त विपक्ष पहले ही पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को संयुक्त उम्मीदवार बना चुका है। शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया, 'देश और संसद का सदन आखिरकार कल रात एक गंभीर संकट से मुक्त हो गया। एक नए सवेरे पर पाकिस्तानी राष्ट्र को बधाई।'

विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज यानी पीएमएल-एन के प्रमुख शहबाज शरीफ ने सदन में अपने संबोधन में यह भी साफ़ कहा, 'हम किसी से बदला नहीं लेंगे, हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे और किसी को जेल में नहीं डालेंगे, क़ानून अपना रास्ता अपनाएगा।'

नेशनल असेंबली में पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, 'पुराना पाकिस्तान में आपका स्वागत है। मैं पाकिस्तान में सभी को बधाई देना चाहता हूँ। मैं पाकिस्तानी युवाओं को एक संदेश देना चाहता हूं कि अपने सपनों को कभी न छोड़ें, कुछ भी असंभव नहीं है।'

बता दें कि शनिवार रात क़रीब 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के सभी सदस्य सदन छोड़कर चले गए थे। नेशनल असेम्बली में 174 सदस्यों ने वोट डाले। सभी ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाले। प्रस्ताव पास हो गया। रात करीब डेढ़ बजे इसकी घोषणा की गई। इमरान ख़ान पाकिस्तान के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं जो सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर विश्वास मत खो चुके हैं। अब तक 1947 में आज़ादी के बाद से पाकिस्तान के इतिहास में अब तक एक भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं।

संयुक्त विपक्ष पहले ही पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को संयुक्त उम्मीदवार बना चुका है। कहा जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। 

शहबाज़ शरीफ नवाज़ शरीफ के छोटे भाई हैं। वर्तमान में वह पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता हैं और पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वह चार दशक से पाकिस्तान की सियासत के बड़े चेहरे हैं।