श्रीलंका के कई इलाक़ों में रविवार को ईस्टर पर्व के दौरान बम धमाके हुए। देश में कुल 8 धमाके हुए और इनमें चर्च, होटलों और कुछ दूसरी जगहों पर मौजूद लोगों को निशाना बनाया गया। धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 290 तक पहुँच गई है और 500 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने मामले में 7 संदिग्ध लोगों को गिरफ़्तार किया है।
सुबह हुए धमाकों के बाद कोलंबो में रविवार को दिन में सातवाँ धमाका हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इसके बाद आठवाँ बम धमाका हुआ, पुलिस ने बताया कि यह आत्मघाती हमला था और इसमें तीन लोगों की मौत हुई है।
रविवार रात को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बताया था कि धमाकों में तीन भारतीयों की भी मौत हुई है। मृतकों के नाम लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश हैं। सुषमा ने एक और ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने श्रीलंका के विदेश मंत्री से बात कर उन्हें हरसंभव मानवीय सहायता उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। इसके अलावा ज़रूरत पड़ने पर भारत की ओर से मेडिकल टीम भेजने की भी बात कही थी।
यह धमाका उस समय हुआ, जब लोग ईस्टर की प्रार्थना के लिए चर्च में एकत्रित हुए थे। पुलिस ने बताया कि स्थानीय समयनुसार पहला धमाका सुबह 8:45 पर हुआ। पुलिस ने कहा कि कोलंबो में सेंट एंथनी चर्च, नैगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा में एक चर्च को निशाना बनाया गया। इसके अलावा होटल सांगरीला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी में भी धमाका हुआ है।
ख़बरों के मुताबिक़, अधिकतर लोगों की मौत कोलंबो, नैगोंबो और बट्टिकलोआ में हुए बम धमाकों में हुई है। इसके अलावा भी कुछ और जगहों पर लोगों के मारे जाने की ख़बर है। अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़, धमाकों में 35 विदेशी नागरिक भी मारे गए हैं। श्रीलंका के स्थानीय प्रशासन ने बचाव और राहत का काम तेज़ कर दिया है।
पुलिस के अगले आदेश तक कर्फ्यू जारी रहने का एलान कर दिया गया है और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। जिस तरह लगातार धमाके हो रहे हैं, उसे देखते हुए देशभर की सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट हो गई हैं।
धमाके के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा था कि इस कठिन समय में देश के सभी नागरिकों को एकजुट हो जाना चाहिए। सरकार स्थिति को संभालने के लिए सभी ज़रूरी क़दम उठा रही है। प्रधानमंत्री ने लोगों से अफवाहों से भी बचने की अपील की थी।
श्रीलंका सरकार में मंत्री हर्षा डिसिल्वा ने धमाकों के तुरंत बाद आर्मी, नेवी, एयरफ़ोर्स और अन्य अहम विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि धमाकों के बाद देश भर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उन्होंने लोगों से शांत रहने और ज़िम्मेदार नागरिक की तरह बर्ताव करने की अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उनकी संवेदनाएँ हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ हैं।
श्रीलंका में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। धमाकों के बाद उन्होंने ट्वीट किया था कि वह स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। श्रीलंका में किसी भी तरह की मदद के लिए भारतीय +94777903082, +94112422788, +94112422789 पर कॉल कर सकते हैं।
धमाकों की जानकारी होने के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा था कि वह श्रीलंका में मौजूद भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।
धमाकों के बाद से ही कोलंबो और श्रीलंका की अलग-अलग जगहों पर सेना को तैनात कर दिया गया है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रीलंका में हुए धमाकों पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि संकट की इस घड़ी में भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर श्रीलंका में हुए धमाकों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है।
10 साल पहले भी दहला था श्रीलंका
श्रीलंका में हुए बम धमाकों ने लोगों को 10 साल पहले का ख़ूनी मंजर याद दिला दिया है। जून 2008 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुए बम हमले में 22 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इसी तरह जनवरी 2008 में भी कोलंबो में आतंकी हमले हुए थे। इन हमलों में आम लोगों को निशाना बनाया गया था। इन आतंकी हमलों के लिए विद्रोही संगठन लिट्टे को ज़िम्मेदार कहा गया था। उस दौरान श्रीलंका में श्रीलंकाई सेना और लिट्टे विद्रोहियों के बीच जोरदार लड़ाई चल रही थी।