कोरोना टीका को इंसानों पर ट्रायल करने में सबसे आगे रहने वाली कंपनियों में से एक मॉडर्ना ने अब कोरोना टीका के 94.5 फ़ीसदी प्रभावी होने का दावा किया है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह परिणाम उनकी कल्पनाओं से भी बेहतर रहा। कहा जा रहा है कि महीनों तक और संभव है कि अमेरिका में वसंत ऋतु (मार्च-मई) तक बड़े स्तर पर लोगों को यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो। हालाँकि, कंपनी की ओर से कहा गया है कि कुछ हफ़्तों के अंदर वह विश्व भर में आपात मंजूरी के लिए आवेदन करेगी। उसे उम्मीद है कि इस साल के आख़िर तक अमेरिका को क़रीब 2 करोड़ वैक्सीन आपूर्ति करने के लिए तैयार कर ली जाएगी। कंपनी को 2021 तक विश्व भर में 50 करोड़ से 100 करोड़ तक वैक्सीन बनाने की उम्मीद है।
सफल वैक्सीन पर प्रारंभिक आँकड़ों की रिपोर्ट का दावा करने वाली मॉडर्न दूसरी कंपनी है। इससे पहले फाइजर ऐसी पहली कंपनी थी जिसने एक सप्ताह पहले यह बताया था कि BioNTech के सहयोग से बनाई गई उसकी वैक्सीन 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी थी।
मॉडर्न के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने कहा, 'हमारे चरण 3 के अध्ययन से इस सकारात्मक अंतरिम विश्लेषण ने हमें पहली क्लिनिकल मान्यता दी है कि हमारा टीका कोविड-19 बीमारी को रोक सकता है। इसमें गंभीर बीमारी को रोकना भी शामिल है।'
मॉडर्ना वैक्सीन को यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ के सहयोग से विकसित किया गया है। इस वैक्सीन को 28 दिनों के अंतराल में दो खुराकों में दिया गया। प्रारंभिक परिणाम 30,000 स्वयंसेवकों में से उन 95 स्वयंसेवकों पर आधारित है जो कोरोना से बीमार पड़े थे।
कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ इन दोनों टीकों का प्रभावी होना एक बढ़ती महामारी में उम्मीद बढ़ाता है। पूरी दुनिया की नज़र वैक्सीन पर टिकी है क्योंकि कोरोना संक्रमण फ़िलहाल कम होता नहीं दिख रहा है और हर रोज़ 5 लाख से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। कोरोना ने अब तक दुनिया भर में साढ़े पाँच करोड़ से ज़्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है और 13 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। सिर्फ़ अमेरिका में ही 1 करोड़ 15 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं और ढाई लाख लोगों की मौत हो गई है। भारत में 88 लाख से ज़्यादा पॉजिटिव केस आए हैं और 1 लाख 30 हज़ार लोगों की मौत हो गई है।
मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर ताज़ा दावे पर अमेरिका के प्रेजिडेंट इलेक्ट जो बाइडन ने कहा है, 'दूसरे टीके की आज की ख़बर उम्मीद जगाने का एक और कारण है। पहले टीके के साथ जो सचाई थी वही दूसरी के साथ भी है: हम अभी भी महीनों दूर हैं। तब तक वायरस को नियंत्रण में रखने के लिए अमेरिकियों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का अभ्यास जारी रखना ज़रूरी है।'
डोनल्ड ट्रंप ने भी कुछ ऐसी ही उम्मीद जताई। उन्होंने ट्वीट किया, "एक और वैक्सीन की घोषणा। इस बार मॉडर्ना द्वारा। 95% प्रभावी। उन महान 'इतिहासकारों के लिए, कृपया याद रखें कि ये महान खोजें, जो चीन प्लेग को समाप्त कर देंगी, सब मेरी निगरानी में हुईं!"
मॉडर्ना वही कंपनी है जिसने मई महीने में इंसानों पर इस वैक्सीन के ट्रायल की घोषणा की थी। जैसे ही दवा बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना ने इस टीका को इंसानों पर आजमाए जाने की घोषणा की शेयर बाज़ार में इसके शेयरों में ज़बरदस्त उछाल आया। तब कहा गया था कि मॉडर्ना का दावा काफ़ी उम्दा जान पड़ता है। कंपनी ने तो यह उम्मीद भी जताई थी कि टीका इस साल के आख़िर या अगले साल की शुरुआत तक यह लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
वीडियो में देखिए, कितनी सफल होगी कोरोना वैक्सीन
मॉडर्ना ने मई महीने में कहा था कि लोगों पर परीक्षण की जाने वाली पहली कोरोना वायरस वैक्सीन सुरक्षित और वायरस के ख़िलाफ़ इम्यून यानी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने में सक्षम लगती है। कंपनी का वह दावा उस आधार पर था जिसमें इसने मार्च की शुरुआत में आठ लोगों पर इस वैक्सीन के दो-दो डोज को आजमाया था।
बता दें कि इसके साथ ही कई और टीकों पर काम चल रहा है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राज़ेनेका कंपनी भी एक वैक्सीन तैयार कर रही है और वह भी आख़िरी चरण के ट्रायल में है। रूस ने तो वैक्सीन को लॉन्च भी कर दिया है, हालाँकि वहाँ तीसरे चरण का ट्रायल भी अभी चल रहा है। भारत में भी देसी टीके के लिए तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है और इसका ट्रायल चल रहा है। इसके अलावा भी कई देशों में 100 से ज़्यादा कोरोना टीके पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि अगले साल तक कई टीके आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएँगे।