डोनाल्ड ट्रंप कहाँ तो मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलने चले थे, मैक्सिको ने उत्तरी अमेरिका का ही नाम बदलकर 'मैक्सिकन अमेरिका' करने की सलाह दे डाली है। वह भी क़रीब 400 साल पुराने एक मैप को सबूत के तौर पर दिखाते हुए। ट्रंप ने क्या मैक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति से इस तरह के मुँहतोड़ जवाब की उम्मीद की होगी?
लेकिन मेक्सिको की नई राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने बेखौफ होकर डोनाल्ड ट्रंप के ताज़ा भू-राजनीतिक हमले पर जोरदार पलटवार किया है। बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिनबाम ने 1607 का उत्तरी अमेरिका का एक विशाल नक्शा पेश किया, जिसमें महाद्वीप को 'अमेरिका मेक्सिकाना' यानी मैक्सिकन अमेरिका के रूप में बताया गया है। शिनबाम जब ट्रंप को सीधे निशाने पर लेते हुए यह जवाब दे रही थीं तो वह मुस्करा रही थीं। सोशल मीडिया पर शिनबाम का यह वीडियो काफ़ी साझा किया जा रहा है और लोग उन पर प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। शिनबाम ने खुद भी वह वीडियो एक्स पर साझा किया है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि मुस्कुराते हुए शिनबाम ने चुटकी लेते हुए कहा, 'हम इसे मैक्सिकन अमेरिका क्यों नहीं कहते? यह अच्छा लगता है, है न?' 400 साल पुराने नक्शे के साथ शिनबाम की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब ट्रंप ने मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर 'अमेरिका की खाड़ी' करने का सुझाव दिया।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी धौंस दिखाने के लिए मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी करने का प्रस्ताव देकर मेक्सिको के साथ तनाव को फिर से बढ़ा दिया है। ट्रम्प ने मंगलवार को घोषणा की थी, 'अमेरिका की खाड़ी, कितना सुंदर नाम है।' उन्होंने मेक्सिको पर और तीखा हमला किया और कहा कि यह मूल रूप से कार्टेल द्वारा चलाया जाता है।
रिपब्लिकन मार्जोरी टेलर ग्रीन ने तुरन्त ट्रम्प का समर्थन किया और उन्होंने नाम बदलने को आधिकारिक बनाने के लिए कानून लाने का संकल्प लिया। उन्होंने वादा किया कि जल्द से जल्द ऐसा करने की कोशिश की जाएगी। उनके साथ ही MAGA यानी 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के समर्थकों ने इस विचार को बढ़ाना शुरू कर दिया।
शिनबाम का जवाब
मेक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति और वामपंथी वैज्ञानिक शिनबाम ने विनम्रता से कहा, 'उन्होंने उन्हें गलत जानकारी दी'। फिर एक और तीखे लहजे में उन्होंने कहा, 'मेक्सिको में लोग शासन करते हैं। और हम एक स्वतंत्र, आज़ाद और संप्रभु देश के रूप में अपनी संप्रभुता की रक्षा करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प की सरकार के साथ सहयोग करने और एक-दूसरे को समझने जा रहे हैं।'
शिनबाम और ट्रंप के बीच तनाव नक्शों और कार्टेल तक सीमित नहीं है। ट्रंप ने मैक्सिकन आयात पर 25% टैरिफ का प्रस्ताव रखा है। इसपर शिनबाम ने समान टैरिफ के साथ जवाब देने का संकल्प लिया है।
उन्होंने इमीग्रेशन पर भी रणनीतिक रुख अपनाया है। उन्होंने संकेत दिया है कि मेक्सिको कुछ देशों के निर्वासित अप्रवासियों को स्वीकार करने की सीमा को सीमित कर सकता है।
दोनों देशों के बीच बड़े विवाद की स्थिति बन रही है। हालाँकि उत्तरी अमेरिका का नाम बदलकर मैक्सिकन अमेरिका करने का शिनबाम का सुझाव संभवतः मज़ाकिया था, लेकिन यह दोनों नेताओं के बीच बढ़ती दुश्मनी को दिखाता है। उन्होंने जो नक्शा पेश किया वह मेक्सिको की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों की याद दिलाता है। इससे यह भी पता चलता है कि शिनबाम अपनी बात पर अड़ी रहने से नहीं डरती हैं।
कनाडा, पनामा और ग्रीनलैंड पर विवादित बयान
वैसे, ट्रंप ने हाल में कनाडा, पनामा और ग्रीनलैंड पर भी विवादित बयान दिया है और इन देशों में भी अपनी धौंस जमाने की कोशिश की है। ट्रंप ने ग्रीनलैंड को हासिल करने की अपनी इच्छा दोहराई और इसे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। दिलचस्प बात यह है कि ग्रीनलैंड पर ट्रम्प की टिप्पणी आई और कुछ घंटों में ही उनके बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ग्रीनलैंड की राजधानी नुउक पहुँच गए। रोचक बात एक और हुई कि डोनाल्ड ट्रंप के बेटे ने कथित तौर पर 'ग्रीनलैंड को फिर से महान बनाओ' की टोपियां बाँटीं। हालाँकि उन्होंने दावा किया कि वे विशुद्ध रूप से एक पर्यटक के रूप में वहां पहुँचे हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने ग्रीनलैंड पर कब्ज़ा करने के लिए अमेरिकी सैन्य बल का इस्तेमाल करने की संभावना ख़ारिज करने से इनकार कर दिया। ग्रीनलैंड डेनमार्क साम्राज्य के एक स्वायत्त क्षेत्र में आता है।
5 नवंबर 2024 को चुनाव जीतने और जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात के बाद से ही ट्रंप कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कई सोशल मीडिया पोस्ट में भी इसका ज़िक्र किया है और कुछ में 'गवर्नर ट्रूडो' के रूप में भी संबोधित किया है। मंगलवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह कनाडा को अमेरिका में शामिल करने के अपने विचार को पूरा करने के लिए सैन्य कार्रवाई का इस्तेमाल करेंगे, तो ट्रंप ने कहा, 'नहीं, आर्थिक बल।'
इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप पनामा नहर संधि को ख़त्म करना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि ट्रंप का विस्तारवादी रवैया उनके दूसरे कार्यकाल में अति आत्मविश्वास को दिखाता है, जिसका इस्तेमाल वे अमेरिका की वैश्विक भूमिका पर अपनी छाप छोड़ने के लिए कर रहे हैं।