बांग्लादेश की सरकार ने कहा है कि जिन लोगों ने हिंदू मंदिरों पर हमला किया है, उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा। मुल्क़ की वज़ीर-ए-आज़म शेख़ हसीना ने कहा है कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। बांग्लादेश में बीते दिनों दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू मंदिरों और पंडालों पर हमले हुए थे और इसके बाद भारत में हसीना सरकार की आलोचना हो रही थी।
हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। दंगाइयों ने हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। हालात को क़ाबू करने के लिए हसीना सरकार ने 22 जिलों में पैरामिलिट्री फ़ोर्स को तैनात कर दिया था।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, ढाका में स्थित ढाकेश्वरी मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में हसीना ने कहा, “हिंसा की इन घटनाओं की जांच की जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़कर उन्हें सजा दी जाएगी।”
हिंसा में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। हिंसा की शुरुआत कुमिलिया में बने दुर्गा पूजा के पंडाल में हुई। इस दौरान ईशनिंदा का आरोप लगाया गया। इसके बाद भीड़ ने कुमिलिया, हाज़ीगंज, हतिया और बांसखाली में स्थित मंदिरों पर हमला कर दिया।
घटना सामने आने के बाद भारत ने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की थी।
दुर्गा प्रतिमाओं को तोड़ा
हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि भीड़ ने दुर्गा पूजा के पंडालों पर हमला किया, पत्थर फेंके और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की। इस दौरान कई जगहों पर दुर्गा प्रतिमाओं को भी भीड़ ने तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि हिंसा के पीछे जमात-ए-इसलामी का हाथ है और हिंसा को सांप्रदायिक आग भड़काने की नीयत से अंजाम दिया गया।
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने इन हमलों से जुड़े वीडियो और फ़ोटो को शेयर किया था। काउंसिल ने मुसलिमों से अपील की थी कि वे अफ़वाहों पर भरोसा न करें। काउंसिल ने कहा था कि दुर्गा पूजा में क़ुरान की कोई ज़रूरत नहीं होती और किसी ने दंगे कराने की साज़िश रची है।