जर्मनी के स्वतंत्र राज्य किंगडम ऑफ़ बावरिया में फ्रेडरिक नाम के शख़्स की जिंदगी कोई बहुत अच्छी नहीं थी। जीवन यापन का संघर्ष काफी लंबा और कठिन था। फिर एक दिन उसने तय किया कि उसे अमेरिका जाकर अपनी किस्मत आजमानी चाहिए। इसके दो फायदे थे।
एक तो अमेरिका उन दिनों कारोबार और समृद्धि की सबसे बड़ी उम्मीद बन कर उभर रहा था और दूसरा यह कि बहुत से लोग इसलिए भी अमेरिका भाग जाते थे क्योंकि जर्मनी की आवश्यक सैन्य सेवा से बचने का यह एक आसान रास्ता था।
लेकिन जीवन अमेरिका में भी आसान नहीं था। वहां स्थापित होने के लिए फ्रेडरिक को लंबा संघर्ष करना पड़ा। पहले उसे अपना नाई का पुश्तैनी काम करना पड़ा। फिर एक होटल में नौकरी मिल गई, इस बीच उसने छोटे-मोटे और काम भी किए। इसके बाद फ्रेडरिक ने जमीन-जायदाद का धंधा शुरू किया। कहते हैं कि इसके साथ ही उसने एक चकलाघर भी चलाया। हालांकि उसके परिवार के लोग इस बात से इनकार करते हैं।
स्पैनिश फ्लू के शिकार हुए फ्रेडरिक
इस बीच फ्रेडरिक की शादी एलिजाबेथ क्राइस्ट से हुई और उनके घर बेटा पैदा हुआ जिसका नाम फ्रेड रखा गया। पहले विश्व युद्ध की अंतिम बेला में जब जिंदगी पटरी पर आने लगी थी तभी पूरी दुनिया में स्पैनिश फ्लू फैलने लगा। एक दिन फ्लू ने फ्रेडरिक को भी अपना शिकार बना लिया और कुछ ही दिन में उसने दम तोड़ दिया।
जब फ्रेडरिक का निधन हुआ तो फ्रेड की उम्र महज 13 साल थी, जाहिर है कि सारी जिम्मेदारी एलिजाबेथ के कंधों पर आन पड़ी। गुजारे के लिए फ्रेडरिक का जमीन-जायदाद का छोटा-मोटा धंधा था। उसके अलावा 4 हजार डाॅलर की परिवार की बचत थी। फिर फ्रेडरिक ने अपना बीमा करवा रखा था, सो जल्द ही 3,600 डाॅलर की रकम वहां से मिल गई।
एलिजाबेथ ने यह सारा पैसा भी जमीन-जायदाद के कारोबार में लगा दिया। उस समय उसकी कुल जमापूंजी 31,359 डाॅलर थी। एलिजाबेथ की व्यापारिक बुद्धि और मेहनत ने तो कमाल दिखाया ही, साथ ही फ्रेड भी बड़ा होकर न सिर्फ उसका हाथ बंटाने लगा बल्कि जल्द ही उसकी गिनती बड़े कारोबारियों में होने लगी। सिर्फ न्यूयार्क में ही उसने 27,000 अपार्टमेंट बना कर बेचे।
बाद में फ्रेड के बेटे डोनल्ड ट्रंप ने इस कारोबार को न सिर्फ नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया बल्कि उसका दुनिया भर में विस्तार भी किया।2020 में अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने डोनल्ड ट्रंप की संपत्ति का आकलन किया और यह 2.1 अरब डाॅलर थी। अमेरिकी उद्योगपतियों की फेहरिस्त में भले ही ट्रंप का नंबर 275वां हो लेकिन जब वह राजनीति में सक्रिय हुए तो न सिर्फ वह अमेरिका के सबसे अमीर राजनीतिज्ञ बने बल्कि सफलता यहां भी उनके कदम चूमती नजर आई।
जर्मनी से भाग कर अपनी किस्मत आजमाने अमेरिका आए फ्रेडरिक ट्रंप के पोते डोनल्ड ट्रंप आज अमेरिका के राष्ट्रपति हैं और इस समय कोरोना वायरस से लड़ाई में तमाम आलोचनाओं के बीच अमेरिका का नेतृत्व कर रहे हैं।