क्या अमेरिकी संसद को बम से उड़ाना चाहते थे ट्रंप समर्थक? 

02:54 pm Jan 09, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

क्या अमेरिकी संसद को बम से उड़ाने की साज़िश थी? क्या बड़े पैमाने पर खूनखराबे की योजना बनाकर ट्रंप समर्थक आये थे? क्या ट्रंप समर्थक किसी बेहद ख़तरनाक मंशा से संसद के पास जुटे थे और बाद में हमला किया था?

हथियारों का ज़खीरा बरामद

अमेरिकी संसद के पास हथियारों के बड़े ज़ख़ीरे की बरामदगी के बाद ये सवाल खड़े हो गये हैं। अमेरिका की जाँच एजेंसियाँ यह पता लगाने में जुट गयी है कि कि संसद पर हमला करने वालों का असली मक़सद सिर्फ़ तोड़फोड़ करना था या फिर इसकी आड़ में किसी और बड़ी घटना को अंजाम देना था। हथियारों का यह जख़ीरा दुनिया के सबसे ताक़तवर देश की संसद से सिर्फ दो मकान पास खड़े एक ट्रक से बरामद किया है। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया है।

'सीएनएन' के मुताबिक़, कैपिटल बिल्डंग के पास से एक ट्रक पकड़ा गया, जिसमें 11 देसी बम, एक असॉल्ट राइफ़ल और एक हैंडगन रखे हुए थे।

गिरफ़्तारी

संघीय जाँचकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि एक दूसरे आदमी को भी गिरफ़्तार किया गया है, जिसके पास से एक असॉल्ट राइफ़ल और सैकड़ों गोलियाँ बरामद की गई हैं। उसने यह कहा है कि वह प्रतिनिधि सभा हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स की स्पीकर नैन्सी पलोसी को मारना चाहता था। पलोसी डेमोक्रेट हैं और बहुत ही वरिष्ठ और सम्मानित राजनेताओं में गिनी जाती हैं।

बता दें कि बुधवार को डोनल्ड ट्रंप ने संसद के पास अपने समर्थकों की एक रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने एक बार फिर कहा कि चुनाव में धाँधली कर उनसे जीत छीन ली गई। इसके साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से कैपिटल की ओर कूच करने को कहा। इसके बाद उनके सैकड़ों समर्थक कैपिटल बिल्डिंग यानी संसद भवन के सुरक्षा घेरे को तोड़ कर अंदर घुस गए, तोड़फोड़ की, गोलियाँ चलाईं और बड़े पैमाने पर हिंसा की। इसमें एक पुलिस अफ़सर समेत पाँच लोग मारे गए हैं।

छापेमारी

पुलिस ने कहा कि कैपिटल के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था ठीक करने के लिए की गई छानबीन और छापेमारी में उन्हें बमों से लदा यह ट्रक दिखा। इस मामले में अलाबामा निवासी लोनी लरॉय कॉफ़मैन को गिरफ़्तार कर लिया गया है। न्यायिक विभाग ने कैपिटल में दंगा करने के मामले में 13 लोगों के खिलाफ़ आरोपों का एलान किया है। इसमें वेस्ट वर्जीनिया से चुना गया एक सांसद और वह आदमी भी है जो नैन्सी पलोसी के कमरे में घुस गया था।

कॉफ़मैन ने पुलिस को बताया कि वह स्टाइरोफ़ोम और गैसोलीन से भरे जार ले कर गया था। इसमें विस्फोट होने पर आग लगती और वह बहुत तेज़ी से चारों ओर फैलती। पुलिस ने कप़ड़ों के टुकड़े और लाइटर भी बरामद किया।

कॉफ़मैन ने हथियारों से भरा ट्रक रिपब्लिकन क्लब के पास खड़ा कर रखा था। यह कांग्रेस की लाइब्रेरी के पास ही है। ट्रक में बम, हैंडगन और असॉल्ट राइफ़ल के अलावा एम-4 कार्बाइन, गोलियाँ और राइफ़ल की मैगज़ीन भी रखी हुए थीं।

नैन्सी पलोसी, स्पीकर, हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स, अमेरिका

पलोसी पर हमले की योजना

'सीएनएन' ने संघीय जाँचकर्ताओं के हवाले से कहा है कि क्लीवलैंड के रहने वाले ग्रोवर मेरीडिथ जूनियर को हथियारों के साथ गिरफ़्तार किया गया है। उसके पास से टेक्स्ट मैसेज मिले, जिसमें नैन्सी पलोसी को धमकियाँ दी गई थीं। उसने पुलिस से कहा कि वह ट्रंप की रैली में शामिल था।

'द हिल' के अनुसार, डिस्ट्रिक्ट मेट्रोपोलिटन पुलिस विभाग ने कहा है कि उसने मोलोटोव कॉकटेल यानी आग लगाने वाला बम कैपिटल के मैदान से बरामद किया है।

डिस्ट्रक्ट कोलंबिया मेट्रोपोलिटन पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कोंटी ने कहा कि 52 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। इसमें 26 लोगों को कैपिटल ग्राउंड में पकड़ा गया। चार लोगों के पास बग़ैर लाइसेंस के हथियार, पिस्तौल, एके 47 राइफ़ल और गोलियाँ मिलीं।

बम, पाइप गन बरामद

'न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक़, रिपब्लिकन नेशनल कमिटी के दफ़्तर से एक पाइप गन बरामद किया गया। इसके बाद डेमोक्रेट नेशल कमिटी के दफ़्तर को खाली करा दिया गया।

इस पूरे मामले के बाद कैपिटल हिल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए और कई जन प्रतिनिधियों ने इस पर चिंता जताई है। कई सांसदों ने पूछा है कि कैपिटल हिल की पुलिस पहले से तैयार क्यों नहीं थी।

यूएस कैपिटल पुलिस प्रमुख स्टीवन सुंड ने 'सीएनएन' से कहा कि कैपिटल हिल यानी संसद परिसर पर हमले की कोई आशंका नहीं थी और उन्होंने अपने 30 साल के पुलिस कैरियर ऐसा कभी नहीं देखा था।

बता दें कि जिस समय डोनल्ड ट्रंप के सैकड़ों समर्थक कैपिटल बिल्टिंग में घुस कर तांडव मचा रहे थे, ख़ुद राष्ट्रपति अपने ओवल ऑफ़िस में बैठ कर टेलीविज़न पर सारा तमाशा देख रहे थे। उनकी बेटी इवांका ट्रंप ने ट्वीट कर दंगाइयों को 'देशभक्त' बताया, हालांकि बाद में उन्होंने यह शब्द डिलीट कर दिया।

सुरक्षा पर सवाल

ह्वाइट हाउस के आला अधिकारी बार बार राष्ट्रपति से आग्रह कर रहे थे कि वे तोड़फोड़ कर रही इस भीड़ को रोकने के लिए वह कुछ करें, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। बाद में एक वीडियो मैसेज जारी कर ट्रंप ने अपने समर्थकों से घर चले जाने को कहा भी तो उसमें भी दुहराया कि 'चुनाव चुरा लिया गया', 'उनकी जीत छीन ली गई।'

दंगाइयों की इस भीड़ पर काबू पाने और उन्हें कैपिटल बिल्डिंग से बाहर निकाल कर संसद पर कब्जा करने में पुलिस को चार घंटे लग गए। बाद में ट्रंप ने इस वारदात की निंदा की। लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने इस डर से इस कांड की निंदा की कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें पद से हटा कर उन पर मुक़दमा चलाया जा सकता है। 

इसके बावजूद ट्रंप ने खुले मन से चुनाव नतीजों को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा है कि हालांकि वे इस नतीजे को कभी भी स्वीकार नहीं कर सकते, पर 20 जुलाई को सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से हो जाएगा। लेकिन वे ख़ुद इसमें मौजूद नहीं रहेंगे।