अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए डेमोक्रेट सदस्यों ने हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। दो डेमोक्रेट सदस्यों और एक रिपब्लिकन सदस्य ने इसे सदन में रखा। अविश्वास प्रस्ताव में उनके ख़िलाफ़ विद्रोह भड़काने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा एक और प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें उप राष्ट्रपति माइक पेंस से संविधान संशोधन 25 का प्रयोग कर राष्ट्रपति को पद से हटा कर उनके तमाम अधिकार ले लेने का आग्रह किया गया है। ट्रंप अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन गए, जिसके ख़िलाफ़ दो बार महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया है।
महाभियोग का आधार
सीएनएन ने एक ख़बर में कहा है कि डमोक्रेट्स ने 'विद्रोह भड़काने' के आधार पर महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है, "राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और इसकी सरकार की संस्थानों को ख़तरे में डाल दिया। उन्होंने लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए ख़तरा पैदा कर दिया, सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के रास्ते में रोड़े अटकाए और सरकार के लिए दिक्क़तें पैदा कीं। इस तरह उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में जनता के विश्वास को ठेस पहुँचाई।"
महाभियोग प्रस्ताव में संविधान संशोधन 14 लागू करने को कहा गया है। इस संविधान संशोधन में कहा गया है "जो कोई अमेरिका के ख़िलाफ विद्रोह भड़काए उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए।"
रिपब्लिकन भी साथ
हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में रोड्स आईलैंड से चुने गए डेमोक्रेट सदस्य डेविड सिसिलिन और कैलिफ़ोर्निया के टेड लियू के अलावा मेरीलैंड के रिपब्लिकन सदस्य जेमी रस्किन ने एक साथ मिल कर साझा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। सिसिलिन ने दावा किया है कि इस प्रस्ताव को 200 से ज़्यादा सदस्यों का समर्थन हासिल हो चुका है।
डेमोक्रेट कॉकस यानी डेमोक्रेटिक पार्टी के चुने गए सदस्यों ने कैपिटल बिल्डिंग में ट्रंप समर्थकों के ज़बरन घुसने और हिंसा करने पर बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया दी थी और उसी दिन कह दिया था कि ट्रंप को अपने पद से हटना होगा।
हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स की अध्यक्ष डेमोक्रेट नैन्सी पलोसी ने कहा था कि ट्रंप को हर हाल में हटाना होगा क्योंकि बचे हुए समय में वे क्या कर बैठें, यह समझना बहुत मुश्किल है। उन्होंने आशंका जताई थी कि राष्ट्रपति किसी देश पर परमाणु हमला करने का ग़लत आदेश तक दे सकते हैं।
रिपब्लिकन सीनेटर भी साथ
सीनेट में अलास्का से चुनी गई रिपब्लिकन सदस्य लीज़ा मर्कोवस्की और पेनसिलवेनिया के पैट टूमी ने भी ट्रंप से इस्तीफ़ा देने को कहा था। समझा जाता है कि हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स से पारित होने के बाद जब महाभियोग प्रस्ताव सीनेट जाएगा, कुछ रिपब्लिकन सदस्य उसे वोट दे सकते हैं।
हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान इसी हफ़्ते कभी हो सकता है।
संशोधन 25 पर प्रस्ताव
एक दूसरे प्रस्ताव में डेमोक्रेट सदस्यों ने उप राष्ट्रपति माइक पेंस से कहा कि वे संविधान संशोधन 25 की धारा चार का प्रयोग कर राष्ट्रपति को पद से हटा दें और उनके तमाम अधिकार ले लें।
इस संविधान संशोधन में कहा गया है कि यदि राष्ट्रपति मानसिक रूप से स्वस्थ न हों या वे अपने कर्तव्यों का पालन करने या अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने में सक्षम न हों तो उन्हें पद से हटा कर उप राष्ट्रपति उनके सारे अधिकार ले सकते हैं। इसके बाद हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स और सीनेट दोनों ही सदनों में दो-तिहाई बहुमत से इस प्रस्ताव को अलग-अलग पारित कराना होगा।
हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में मैजोरिटी लीडर स्टेनी हॉयर के इस प्रस्ताव का रिपब्लिकन सदस्यों ने विरोध किया। डेमोक्रेट इसे आम सहमति से पारित करवाना चाहते थे, पर रिपब्लिकन सदस्य अलेक्स मूनी ने इसका विरोध किया। वह प्रस्ताव रुक गया। इसके बाद स्पीकर नैन्सी पलोसी ने कहा कि डेमोक्रेट इस प्रस्ताव को मंगलवार को फिर एक बार पेश कर सकते हैं।
मंगलवार को बहस
दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। मंगलवार को महाभियोग प्रस्ताव पर बहस होगी। समझा जाता है कि बुधवार को इस पर मतदान हो। मतदान में यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो इसे सीनेट को भेज जाएगा।
हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव्स में डेमोक्रेट्स का बहुमत तो है ही, हाल ही में जॉर्जिया में सीनेट की दो सीटें जीत लेने के बाद उनके पास ऊपरी सदन की 100 में से 52 सीटों पर उनका कब्जा हो गया। इस तरह डेमोक्रेट्स के पास दोनों सदनों में बहुमत है। इसके अलावा कई रिपब्लिकन सदस्य भी हैं जो ट्रंप को पद से हटने की गुजारिश करने के बाद उन्हें जब़रन हटाने की माँग कर चुके हैं। समझा जाता है कि वे भी प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
पारित हो पाएगा प्रस्ताव?
ट्रंप के पक्ष में एक ही बात जाती है और वह यह है कि कितने समय में ये प्रस्ताव दोनों सदनों से पारित हो जाते हैं। इसका कारण यह है कि सीनेट में ट्रंप पर लगे आरोपों की जाँच भी होगी और बहस भी। यदि रिपब्लिकन सदस्य वहां इसे लटकाने में कामयाब हो गए तो डेमोक्रेट्स के सारे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा।
बहरहाल सबकी निगाहें मंगलवार को हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स की बैठक और बहस पर टिकी हैं।
कार्यकाल ख़त्म!
एक दूसरे बड़े घटनाक्रम में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एलान कर दिया कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का कार्यकाल 11 जनवरी, 2021 को ख़त्म हो गया। राष्ट्रपति की जीवनी में यह कहा गया है। हालांकि इसे थोड़ी देर बाद ही हटा दिया गया।क्या डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई होगी? देखें, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का क्या कहना है।
विदेश मंत्रालय ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि यह किसी ग़लती से हुआ या किसी ने सिस्टम को हैक कर लिया। इससे कई तरह के अफ़वाहों को बल मिला। ट्रंप का कार्यकाल 20 जनवरी, 2021 को ख़त्म हो रहा है।