भारत आए कनाडाई नागरिकों को कनाडा ने नई चेतावनी के साथ अपनी यात्रा एडवाइजरी को और गंभीर बना दिया है। उसने भारत में अपने नागरिकों को "सतर्क रहने और सावधानी बरतने" के लिए कहा है। एडवाइजरी में कहा गया है- "कनाडा और भारत में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में, विरोध प्रदर्शन के आह्वान और सोशल मीडिया पर कनाडा के प्रति कुछ नेगेटिव भावनाएं हैं। कृपया सतर्क रहें और सावधानी बरतें।"
दूसरी तरफ कनाडाई नागरिक और भारत में आतंकी घोषित हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के खिलाफ खालिस्तानी समर्थकों ने मंगलवार 26 सितंबर को कनाडा के टोरंटो, ओटावा और वैंकूवर में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। खालिस्तान समर्थक संगठन - 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) के सदस्यों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों को नारे लगाते और खालिस्तानी झंडे लहराते देखा गया।
कनाडा में खालिस्तानियों का विरोध प्रदर्शन कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद तेज हुआ है। पिछले हफ्ते कनाडाई पीएम ने आरोप लगाया गया था कि निज्जर की हत्या के पीछे "भारत सरकार के एजेंट" हो सकते हैं। फाइनेंशियल टाइम्स ने मंगलवार को एक खबर प्रकाशित की है, जिसमें पुष्टि की गई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसी महीने की शुरुआत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में इस मामले को पीएम मोदी के सामने उठाया था। यही बात ट्रूडो ने भी कही थी कि उन्होंने जी20 के दौरान निज्जर की हत्या का मामला उठाते हुए भारत से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन भारत ने उनकी बात का खंडन कर दिया था।
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एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि खालिस्तान समर्थक चरमपंथी संगठन पीकेई ने कनाडा में अल्पसंख्यक हिंदुओं को खुलेआम डराना शुरू कर दिया है और मंदिरों में तोड़फोड़ करने के कई मामले सामने आए हैं।
हालात पर करीब से नजर रखने वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा- "कनाडा में भारतीय मिशनों और राजनयिकों की सुरक्षा के लिए खालिस्तानियों की खुली धमकियां एक बहुत ही गंभीर घटना है और वियना कन्वेंशन के तहत कनाडा के दायित्व को चुनौती देती हैं।"
इस बीच, श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित पनाहगाह मिलती है और कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो बिना किसी सबूत के अपमानजनक आरोप लगा रहे हैं। एएनआई के मुताबिक श्रीलंका के विदेश मंत्री साबरी ने कहा कि वो ट्रूडो की टिप्पणियों से "आश्चर्यचकित नहीं" हैं।
अली साबरी ने कहा कि "कनाडाई प्रधानमंत्री ने बिना किसी सबूत के कुछ भी अपमानजनक आरोप लगाने का यही तरीका अपनाया है। यही बात उन्होंने श्रीलंका के लिए भी कही थी। श्रीलंका के बारे में जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि श्रीलंका में भयानक नरसंहार हुआ था, जो सरासर झूठा आरोप है। हर कोई जानता है कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ था।''