चीनः शी जिनपिंग इस्तीफा दो, लॉकडाउन खत्म करो नारे गूंजे

04:08 pm Nov 27, 2022 | सत्य ब्यूरो

चीन के शहर शंघाई में शनिवार देर रात लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। लोग नारे लगा रहे थे - शी जिनफिंग इस्तीफा, झिंजियांग में लॉकडाउन खत्म करो। उइगर मुस्लिम बहुल झिंजियांग राज्य में शुक्रवार से कोविड लॉकडाउन के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स समेत कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस प्रदर्शन की खबरें, फोटो और वीडियो जारी किए हैं। झिंजियांग में 108 दिनों से लॉकडाउन लगा हुआ है। शुक्रवार को यहां आग लग गई थी। जिसमें दस लोग जिन्दा जलकर मर गए। शंघाई में शनिवार रात निकाला गया कैंडल मार्च उन्हीं की याद में था।

एक वीडियो में लोगों को किसी शॉपिंग प्लाजा के बाहर चीन का राष्ट्रगान गाते हुए दिखाया गया है- "गुलाम होने से इनकार करने वालों उठो!" कुछ चिल्ला रहे थे कि वे लॉकडाउन से मुक्त होना चाहते हैं।

झिंजियांग क्षेत्र में चीन से सबसे लंबा लॉकडाउन घोषित कर रखा है। राजधानी उरुमकी के 40 लाख निवासियों को 108 दिनों से उनके घरों से बाहर नहीं निकलने दिया गया। हालांकि राजधानी में पिछले दो दिनों में कोविड के करीब 100 नए मामले ही आए हैं।

झिंजियांग में एक करोड़ उइगर मुस्लिम रहते हैं। पश्चिमी सरकारों ने चीन पर उइगर मुसलमानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। नागरिक अधिकार समूहों और पश्चिमी सरकारों का आरोप है कि उइगर मुसलमानों को नज़रबंद करके कैंप रखा गया है और वहां उनसे जबरन काम कराया जाता है। हालांकि चीन ने ऐसे दावों को हमेशा खारिज किया है।

खबरों के मुताबिक राजधानी उरुमकी में विरोध प्रदर्शनों के बाद वहां एक बहुमंजिली इमारत में आग लग गई थी, जिसमें गुरुवार की रात 10 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा है कि इमारत के लोग नीचे जाने में सक्षम थे, लेकिन चीनी सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो बताते हैं कि इमारत आंशिक रूप से बंद थी, लोग बाहर नहीं निकल सके। सरकार की ओर से इमारत को बंद किया गया था। इस घटना को लेकर लोग गुस्से में थे। इसी वजह से शनिवार को प्रदर्शन जारी रहे।

अपनी सफाई देने के लिए राजधानी उरुमकी के अधिकारियों ने शनिवार सुबह अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें इस बात से इनकार किया गया कि कोविड के उपायों से बचाव में बाधा आई। लेकिन अधिकारियों यह भी कहा कि वे आगे की जांच करेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि यदि निवासियों ने अग्नि सुरक्षा को बेहतर ढंग से समझा होता तो वे तेजी से भाग सकते थे।

हालांकि शिकागो यूनिवर्सिटी के एक राजनीतिक वैज्ञानिक डाली यांग ने कहा कि इस तरह के रवैये से लोगों को गुस्सा आएगा। सार्वजनिक विश्वास कम हो जाएगा।