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आरोप- दिल्ली में अस्पताल के बाहर इंतज़ार में रहा कोरोना मरीज़, भर्ती नहीं लिया, मौत

आरोप- दिल्ली में अस्पताल के बाहर इंतज़ार में रहा कोरोना मरीज़, भर्ती नहीं लिया, मौत

दिल्ली की एक महिला ने आरोप लगाया है कि वह कोरोना संक्रमित अपने पिता को भर्ती कराने के लिए एलएनजेपी अस्पताल के बाहर इंतज़ार करती रही लेकिन घंटों तक उनकी कोई सहायता नहीं की गई। आख़िर में उनकी मौत हो गई।

दिल्ली की एक महिला ने आरोप लगाया है कि वह कोरोना संक्रमित अपने पिता को भर्ती कराने के लिए एलएनजेपी अस्पताल के बाहर इंतज़ार करती रही लेकिन घंटों तक उनकी कोई सहायता नहीं की गई। उन्होंने इस दौरान एक के बाद एक कई ट्वीट करती रहीं। आख़िरी ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'उनका निधन हो गया। सरकार विफल रही।' उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया ट्विटर पर लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की जमकर खिंचाई की। 

अमरप्रीत नाम की महिला ने आज इस मामले में सबसे पहला ट्वीट सुबह 8.08 बजे किया, 'मेरे पिता को तेज़ बुखार है। हमें उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत है। मैं एलएनजेपी दिल्ली के बाहर खड़ी हूँ और वे लोग भर्ती नहीं ले रहे हैं। उन्हें कोरोना है, तेज़ बुखार है और साँस लेने में तकलीफ़ है। बिना सहायता के वो बच नहीं सकते। कृपया मदद करें।'

इसके बाद वह इन्हीं शब्दों को लेकर 8.21 बजे फिर से ट्वीट करती हैं। इसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं- राघव चड्डा, अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन को टैग किया है। इसके बाद 9.08 मिनट पर एक अन्य ट्वीट में वह अपने पिता के निधन की जानकारी देती हैं।

लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल यानी एलएनजेपी की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया, 'मरीज को कैजुअल्टी सेक्शन में मृत लाया गया था।' 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार, एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि उनके द्वारा रोगी को मना नहीं किया गया था। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद गंगा राम अस्पताल द्वारा होम क्वॉरेंटीन की सलाह दी गई थी। एलएनजेपी के बयान के अनुसार, गंगा राम अस्पताल में 1 जून को जाँच में 68 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। कहा गया है कि मरीज़ दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश के रहने वाले थे।

अमरप्रीत के ट्वीट पर वरिष्ठ पत्रकार और फ़िल्मों से जुड़े रहे विनोद कापड़ी ने उस महिला के एक-एक घटनाक्रम को ट्वीट किया है। 

इस पर कुछ लोगों ने सवाल किए कि अमरप्रीत ने ट्वीट कर कोरोना पर सहायता के लिए आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पाण्डेय का धन्यवाद किया था। इस पर विनोद कापड़ी ने लिखा, 'मदद वाक़ई हुई होती तो 48 घंटे बाद भी कोरोना का मरीज़ अस्पताल के गेट पर नहीं होता और बेटी आख़िरी पुकार नहीं कर रही होती। ट्वीट पर जवाब दे देने से ज़िम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती। भक्तों की तरह बात करने से आँख की रोशनी चली जाएगी।'

दरअसल अमरप्रीत का वह ट्वीट तब का है जब 2 जून को उनको सरकार की ओर से सहायता मुहैया कराई गई थी। लेकिन 4 जून को अमरप्रीत ने ट्वीट में आरोप लगाया कि उनके पिता को कोई मदद नहीं दी जा रही है। 

एक यूज़र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के हाल ही के 'सागरिका घोष के हेयर कट' को लेकर ट्वीट का ज़िक्र करते हुए निशाना साधा और लिखा, 'अरविंद केजरीवाल आम लोगों और आम नागरिकों के लिए प्रतिक्रिया नहीं करते हैं- उनकी प्रतिक्रिया वीआईपी पत्रकारों और वह भी बाल कटवाने के लिए रिजर्व्ड है।'

ट्विटर पर अमरप्रीत द्वारा ऐसी लापरवाही के आरोप तब लगाए गए हैं जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली के अस्पतालों की हालत सुधारने के दावे करती रही है। गुरुवार को भी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पाँच सरकारी और तीन निजी अस्पताल पूरी तरह से कोरोना मरीज़ों के लिए ही तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाक़ी के सभी अस्पतालों के लिए आदेश जारी किया गया है कि 20 फ़ीसदी बेड को कोरोना मरीज़ों के लिए रिजर्व रखें। 

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