त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के प्रचार का आखिरी दौर चल रहा है। राज्य में 16 तारीख को वोटिंग होनी है। इसके लिए हर एहतियात बरती जा रही है। वोटिंग से चंद रोज पहले सीपीएम ने शुक्रवार को चुनाव आयोग का रुख कर त्रिपुरा में अर्धसैनिक बलों के बजाय गुजरात और असम पुलिस बलों की तैनाती पर चिंता जताई।
सापीएम सदस्य नीलोत्पल बसु ने चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में असम और गुजरात पुलिस की तैनाती को 'असामान्य' बताया और बताया कि गुजरात और असम पुलिस ने कुछ स्थानों पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की जगह ले ली है।
बसु ने अपने लिखे पत्र में आयोग का ध्यान इस ओर दिलाया कि राज्य में चुनावों के पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सर्मा राज्य में डेरा डाले हुए हैं। ऐसे में असम पुलिस की नियुक्ति चुनावों को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात करने की मांग की
चुनाव आयोग ने कहा कि हमें यह बताया गया है कि असम पुलिस और गुजरात पुलिस की टुकड़ियों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है। बसु ने सवाल उठाया कि एक छोटे राज्य के चुनाव में अन्य राज्य पुलिस बलों की तैनाती असामान्य है। यह एक आम चुनाव नहीं है, जिसमें अधिक सुरक्षा की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, 'देश के दूसरे कोने से गुजरात पुलिस की तैनाती को चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य के तौर पर देखा जाना आम है। हमार आग्रह है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन को इसी रूप में देखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए।