कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर जैसी चिंताएँ शुरुआत में उभरी थीं अब कुछ वैसी ही बात विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भी कही है। इसने चेताया है कि ओमिक्रॉन से उपजा वैश्विक ख़तरा बेहद ज़्यादा है। हालाँकि, इसके बावजूद ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर कई अनसुलझे सवाल अभी भी हैं और इसके ख़तरे का पूरा और सटीक आकलन अभी भी नहीं आया लगता है। शुरुआत में इसके ख़तरे पर स्थिति साफ़ नहीं होने के बावजूद जब पहली बार दक्षिण अफ्रीका में मिले इस नये वैरिएंट की जानकारी सामने आई तो दुनिया भर में फिर से खौफ हो गया। ऐसा इसलिए कि इस वैरिएंट में बड़ी संख्या में म्यूटेंट हैं।
दुनिया भर में डर इसलिए भी फैला है क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने अब एक बयान में कहा है कि ओमिक्रॉन में अभूतपूर्व संख्या में स्पाइक म्यूटेशन हैं, जिनमें से कुछ महामारी के बड़े प्रभाव लाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। इसने कहा है कि जहाँ कहीं भी संक्रमण बढ़ेगा वहां गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
अब तक सबसे ज़्यादा ख़तरनाक डेल्टा वैरिएंट को माना जाता रहा है। इसमें दो या तीन म्यूटेंट रहे हैं। इसे दूसरे वैरिएंट से ज़्यादा ख़तरनाक इसलिए माना गया कि यह काफ़ी तेज़ी से फ़ैलता है और यह घातक भी है।
भारत में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट को ही ज़िम्मेदार माना जाता है। जब दूसरी लहर आई थी तब हर रोज़ 4 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे थे। गंगा में शव तैरते मिले थे और रेतों में शव दफनाए जाने वाली तसवीरें सामने आई थीं। भारत ने ऐसी तबाही शायद ही कभी देखी हो। अब डेल्टा वैरिएंट के मामले पूरी दुनिया भर में आ रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट वाला डर अब ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद भी दिख रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने देशों से टीकाकरण में तेज़ी लाने और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाए रखने का आग्रह किया है। हालाँकि, दुनिया भर के देश इस नये वैरिएंट को रोकने के लिए सीमा सील कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर रहे हैं।
इस संक्रमण के मामले अब तक कम से कम 13 देशों में आ चुके हैं। हाल ही में स्कॉटलैंड और पुर्तगाल में भी इस वैरिएंट के मामलों की पहचान की गई है। इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, इज़राइल और मोरक्को जैसे देशों के बाद जापान ने भी सभी विदेशी यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सदस्य देशों को तकनीकी ब्रीफिंग नोट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अधिकारियों से निगरानी, टेस्टिंग और टीकाकरण को तेज़ करने का आग्रह किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक शीर्ष सलाहकार डॉ. एंथनी एस. फौसी सहित दूसरे विशेषज्ञों ने कहा है कि वैरिएंट की फैलने की रफ्तार और इसके कारण होने वाली बीमारी की गंभीरता के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध होने में दो सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। अब तक माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन दूसरे वैरिएंट की तुलना में अधिक आसानी से फैलने वाला होगा।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की सबसे परेशान करने वाली विशेषता यह है कि यह बहुत तेजी से रूप बदलकर क्रमिक विकास करता है।