राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर मिमिक्री का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। धनखड़ ने बुधवार को कहा है कि उन्हें अपमानित होने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनके पद, उनके समुदाय पर हमला नहीं किया जाना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर कुछ यूजरों ने पूछा है कि मिमिक्री कब से अपराध हो गया और क्या यह पहली बार हो रहा है। मिमिक्री से जगदीप धनखड़ के पद और उनके समुदाय के अपमान के दावों पर यूज़रों ने तंज कर पूछा है कि सांसद पंडित मनीष तिवारी को निलंबित कर ब्राह्मण समाज का अपमान क्यों किया गया?
सोशल मीडिया पर इस तरह की प्रतिक्रिया तब आ रही है जब राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है, '…मुझे इसकी परवाह नहीं है कि आप जगदीप धनखड़ का कितना अपमान करते हैं। लेकिन मैं भारत के उपराष्ट्रपति, किसान समुदाय, अपने समुदाय का (अपमान) बर्दाश्त नहीं कर सकता। मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा कि मैं अपने पद की गरिमा की रक्षा नहीं कर सका, इस सदन की गरिमा की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।'
ट्विटर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का टेलीफोन आया था। उन्होंने कुछ माननीय सांसदों की कल (मंगलवार) संसद परिसर में घृणित मिमिक्री पर बहुत दुख व्यक्त किया।" उपराष्ट्रपति के मुताबिक पीएम मोदी ने उन्हें फोन पर बताया कि 'वह बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सह रहे हैं और अभी भी सह रहे हैं, लेकिन यह तथ्य कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद और वह भी संसद में ऐसा हो सकता है, दुर्भाग्यपूर्ण है।'
धनखड़ का बयान तब आया है जब तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी को निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में उनकी मिमिक्री यानी नकल करते देखा गया। बनर्जी द्वारा कथित तौर पर राज्यसभा के सभापति के तौर-तरीकों की नकल करने वाली वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इस घटना ने उस समय ध्यान आकर्षित किया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद के बाहर सदन की मॉक बैठक के दौरान अपने मोबाइल फोन पर बनर्जी की मिमिक्री को रिकॉर्ड करते हुए दिखे।
बहरहाल, मिमिक्री विवाद उठने पर कई सवाल पूछे जा रहे हैं। कांग्रेस नेता सुप्रीया श्रीनेट ने कहा कि जाट बेटियाँ यौन शोषण का शिकार हो होती रहीं और मोदी सरकार उनको बूटों के तले सड़कों पर रौंद कर आरोपी को बचाती रही तब जाट के बेटे को याद नहीं आई?
यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के प्रदर्शन की तस्वीरों को साझा करते हुए अजित अंजुम ने लिखा है, 'संसदीय कार्य मंत्री ने उपराष्ट्रपति की मिमिक्री को जाट के अपमान से जोड़ दिया। काश! मोदी और उनकी सरकार के यही तेवर तब भी होते जब पहलवान बेटियों को जंतर - मंतर पर यूँ घसीटा जा रहा था।'
इस मिमिक्री विवाद के बीच नरगिस बानो नाम की एक अन्य यूज़र ने जगदीप धनखड़ का एक वीडियो साझा कर तंज कसा है कि समुदाय का यह कैसा सम्मान है!
क्या धनखड़ ऐसा व्यवहार करते हैं?
विवाद के केंद्र में रहे तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनका इरादा कभी किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'मेरा किसी को ठेस पहुँचाने का कोई इरादा नहीं है। हालाँकि, मेरा एक सवाल है। क्या वह (जगदीप धनखड़) सच में राज्यसभा में ऐसा व्यवहार करते हैं? मिमिक्री एक कला है और यह 2014 और 2019 के बीच लोकसभा में पीएम द्वारा भी की गई थी।'