हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह का गुरुवार तड़के निधन हो गया। वह 87 साल के थे। वह लंबे समय से बीमार थे। उन्हें सोमवार को दिल का दौरा पड़ा था और उनकी हालत नाजुक थी। उन्हें आईजीएमसी के क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती किया गया था।
वीरभद्र सिंह को साँस लेने में तकलीफ के बाद बुधवार को कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की निगरानी में वेंटिलेटर पर रखा गया था। आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज ने पीटीआई को बताया, 'पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी का यहाँ इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुबह क़रीब चार बजे मल्टी-ऑर्गन फेल्योर के कारण निधन हो गया।'
उन्हें पहले अप्रैल महीने में कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें 13 अप्रैल को मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था। कुछ दिनों में ठीक होने के बाद उन्हें 30 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन 11 जून को वह फिर से कोरोना संक्रमित हो गए थे। इस संक्रमण से वह फिर ठीक हो गए थे। इस बीच हाल ही में उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई और उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
23 जून 1934 को जन्मे दिग्गज कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह राज्य में छह बार मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने पर्यटन और नागरिक उड्डयन के केंद्रीय उप मंत्री, उद्योग राज्य मंत्री, केंद्रीय इस्पात मंत्री और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री के रूप में भी काम किया था।
वह दिसंबर 2017 में सोलन ज़िले के अर्की विधानसभा क्षेत्र से 13वीं विधानसभा के लिए फिर से चुने गए थे। वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह भी राजनेता हैं। प्रतिभा पूर्व सांसद हैं, जबकि विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण से विधायक हैं।