तीरथ सिंह रावत बोले- फटी जींस पहनने वाली महिलाएं क्या संस्कार देंगी

06:10 pm Mar 17, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कुछ रोज पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत महिलाओं के कपड़ों को लेकर दिए गए विवादित बयान के कारण घिर गए हैं। रावत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा है कि एनजीओ चलाने वाली एक महिला की फटी जींस को देखकर वह हैरान रह गए थे। 

बीजेपी आलाकमान ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए रावत को आनन-फानन में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री पद पर बैठाया था। रावत वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं। 

तीरथ सिंह रावत बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा से जुड़े आयोग के द्वारा आयोजित कार्यशाला में अपनी बात रख रहे थे, इसी दौरान उन्होंने यह विवादित बयान दे दिया। रावत ने कहा, “मैं जहाज से जयपुर से दिल्ली आ रहा था। मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थीं। मैंने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने गमबूट पहने थे। थोड़ा और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे, उनके साथ दो बच्चे थे। उन्होंने बताया कि उनके पति जेएनयू में प्रोफ़ेसर हैं और वह एनजीओ चलाती हैं।” 

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीओ चलाने वाली महिला के घुटने फटे दिख रहे हैं, वह समाज के बीच में जाती हैं तो ये कैसे संस्कार हुए। रावत ने आगे कहा, “अगर ऐसी महिलाएं समाज में जाती हैं, लोगों से मिलती हैं और उनकी दिक्कतें सुलझाती हैं तो हम अपनी सोसाइटी, बच्चों को क्या संदेश दे रहे हैं। यह सब घर से शुरू होता है। जो हम करते हैं, उसे हमारे बच्चे भी सीखते हैं।” 

मुख्यमंत्री ने कहा कि घुटनों का दिखना, फटी जींस पहनना, इस तरह की बातें सिखाई जा रही हैं। कार्यक्रम में मौजूद उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महिलाओं के लिए सबसे ज़रूरी चीज अपने परिवार और बच्चों को संभालना है। 

रावत के बयान पर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि जब मुख्यमंत्री की नजर महिलाओं की जींस पर रहेगी तो ये राज्य का क्या विकास करेंगे। 

बच्चे आप पैदा करो…

बीजेपी के कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान दिए हैं। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के औरैया से बीजेपी के विधायक रमेश दिवाकर के पास कुछ स्थानीय महिलाएं प्राइवेट स्कूल की फ़ीस में छूट की मांग को लेकर गई थीं तो विधायक महिलाओं पर भड़क गए थे।  बातचीत के दौरान विधायक दिवाकर ने एक महिला से कहा था, “एक बार और आप आई थीं, बच्चे आप पैदा करो और रुपया हम दें, सरकारी स्कूल किसलिए होते हैं।” विधायक के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी निंदा हुई थी। 

सुरेंद्र सिंह के विवादित बोल 

बलिया से बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह भी ऐसे ही बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। विधायक सुरेंद्र सिंह ने हाथरस में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप को लेकर कहा था कि बलात्कार की घटनाएं सिर्फ़ बेटियों को संस्कार देने से ही रुक सकती हैं। 

पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन्हीं विधायक ने हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की तुलना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से की थी और राहुल गांधी को सलाह दी थी कि वे सपना को अपना बना लें और यह अच्छा होगा कि सास और बहू दोनों ही एक ही कल्चर और एक ही पेशे से रहेंगी। 

बीजेपी की विधायक साधना सिंह ने 2019 में मायावती को किन्नर से भी ज़्यादा बदतर बताया था। उन्होंने कहा था कि मायावती न तो नर है और न ही महिला।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के बस्ती से बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा था, ‘जब प्रियंका दिल्ली में रहती हैं तो जींस और टॉप में रहती हैं और जब क्षेत्र में आती हैं तो साड़ी और सिंदूर लगाकर आती हैं।’ 

जवाब मांगा जाएगा या नहीं?

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री जैसे गरिमामयी पद पर बैठे तीरथ सिंह रावत से इस बयान को लेकर क्या बीजेपी आलाकमान कोई जवाब मांगेगा। क्या वह पूछेगा कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया। लेकिन जब बीजेपी के तमाम नेताओं के ख़िलाफ़ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है तो मुश्किल है कि तीरथ सिंह से भी कोई जवाब मांगा जाए या कोई कार्रवाई हो।