हरिद्वार में बीते महीने हुई धर्म संसद को लेकर पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार रात को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने रिजवी की गिरफ्तारी एक गुप्त सूचना के आधार पर उत्तराखंड-यूपी के नारसन बॉर्डर से की। रिजवी ने बीते महीने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था और इसके बाद वह जबरदस्त चर्चा में आए थे।
धर्म संसद के वीडियो जिनमें जहरीली बातें कही गई, उपलब्ध होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी न होने को लेकर उत्तराखंड पुलिस लगातार निशाने पर थी।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है जहां पर शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को 10 दिन में जवाब देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की ओर से याचिका दायर की गई है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने आगे होने वाली धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 23 जनवरी को ऐसी एक धर्म संसद प्रस्तावित है। कपिल सिब्बल ने सीजेआई से मांग की थी कि वे धर्म संसद में की गई भड़काऊ बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई करें।
धर्म संसद के खिलाफ विदेशों में रह रहे प्रवासियों ने भी जबरदस्त गुस्से का इजहार किया है और इसमें भाषण देने वाले वक़्ताओं की गिरफ़्तारी की मांग की थी।
हरिद्वार की धर्म संसद में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, पूजा शकुनि पांडे उर्फ साध्वी अन्नपूर्णा, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफरती भाषण दिए और नरसंहार की बातें कहीं।