उत्तराखंडः किशोरी से गैंगरेप, लगातार दूसरी घटना, भाजपा अपने गिरेबान में तो झांके
देहरादून में उत्तराखंड परिवहन निगम की बस में एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया गया। पुलिस के मुताबिक वह 'घर से भागकर पंजाब जाने की कोशिश कर रही थी।' पुलिस ने इस मामले में नाबालिग द्वारा पहचाने गए बस स्टैंड पर तीन ड्राइवरों, एक कंडक्टर और एक कैशियर सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना पिछले सोमवार की है। लेकिन पुलिस कार्रवाई अब की गई है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जिस बस में अपराध हुआ था उसे जब्त कर लिया गया है और महत्वपूर्ण सबूत जुटाए गए हैं। यह घटना तब सामने आई जब नाबालिग को देहरादून के आईएसबीटी बस टर्मिनल पर अस्त-व्यस्त हालत में पाया गया।
शुरुआत में, किशोरी ने हालात का खुलासा नहीं किया, लेकिन जब उसकी काउंसलिंग की गई तो पता चला कि बसअड्डे पर एक खड़ी बस के अंदर कई लोगों ने उसके साथ रेप किया था। लड़की मुरादाबाद से पंजाब जाने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे देवेन्द्र नाम के एक बस कंडक्टर ने धोखा दिया, जो उसे देहरादून ले आया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपी देवेन्द्र ने बताया कि पीड़िता उससे दिल्ली कश्मीरी गेट स्टेशन पर मिली और उससे पंजाब जाने वाली बस के बारे में जानकारी मांग रही थी। आरोपी नाबालिग लड़की को यह कहकर देहरादून लाया था कि वह उसके साथ देहरादून जाएगा और उसे वहां से पंजाब भेज देगा। आरोपी ने उसे झांसा दिया कि पंजाब उत्तराखंड से नजदीक है।
हालाँकि, जब बस देहरादून पहुंची और अन्य सभी यात्री चले गए, तो स्टेशन पर अन्य बस चालकों के साथ आरोपी ने लड़की के साथ बलात्कार किया। इस मामले में पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारी हैं।
उत्तराखंड में महिला विरोधी अपराध लगातार हो रहे हैं। तीन दिनों पहले एक नर्स को इसी तरह हवस का शिकार बनाया गया। उत्तराखंड के एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स का शव यूपी के रामपुर में मिला है। आरोप है कि अस्पताल से अपने घर जा रही नर्स की यौन उत्पीड़न कर हत्या कर दी गई। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ़्तार किया गया है। घटना उत्तराखंड के उधम सिंह नगर ज़िले के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली नर्स के साथ घटी। 30 जुलाई को अस्पताल से वह निकली थी, लेकिन घर नहीं पहुँची। 8 अगस्त को उसका शव उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के उसके गांव से बरामद हुआ। इसके एक सप्ताह बाद एक दिहाड़ी मजदूर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान बरेली के धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है।
पिछले साल सितंबर में 19 साल की अंकिता भंडारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ और बाद में उनका शव नहर से बरामद किया गया। उत्तराखंड में 18 सितंबर 2023 को लापता हुई अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर की सुबह ऋषिकेश की चीला नहर से मिला था। वो ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। रिसॉर्ट एक भाजपा नेता से जुड़ा हुआ था। पुलिस ने उस समय बताया था कि रिसॉर्ट का मालिक, मैनेजर अंकिता पर आने वाले कुछ मेहमानों के लिए स्पेशल सर्विस देने का दबाव बना रहे थे। जब उसने विरोध किया तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी। इस मामले में भाजपा नेताओं के नाम आने के बाद पुलिस ने काफी दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की तो लोग भड़क उठे। इसी दौरान उस रिसॉर्ट को बुलडोजर से गिराकर सबूत मिटा दिए गए। उसी समय से अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। पुलिस अब अंकिता के लिए इंसाफ मांग रहे लोगों पर भी कार्रवाई कर रही है। जिस पत्रकार आशुतोष नेगी ने इस मामले को उठाया, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने अंकिता भंडारी मामले को लीपापोती करके दबा दिया। अंकिता का परिवार आज भी इंसाफ के लिए भटक रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बंगाल की घटना पर बयान देते हैं लेकिन उत्तराखंड में हो रही घटनाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं। भाजपा के प्रवक्ता और रविशंकर प्रसाद जैसे नेता बंगाल पर तीखे बयान देते हैं लेकिन उत्तराखंड के सवाल पर बगलें झाकनें लगते हैं।