उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर शहर सीट से नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
नामांकन के दौरान बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता मौजूद रहे और एक तरह से पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन भी किया। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कौशांबी जिले की सिराथू सीट से नामांकन दाखिल किया था।
योगी आदित्यनाथ गोरखपुर की गोरक्षनाथ पीठ के महंत हैं। वह यहां से 5 बार सांसद रहे हैं और हिंदू फायर ब्रांड नेता की छवि की वजह से गोरखपुर व आसपास के इलाकों में उनके समर्थकों की एक बड़ी तादाद है।
योगी आदित्यनाथ को चुनौती देने के लिए आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी मैदान में हैं। योगी आदित्यनाथ का यह पहला विधानसभा चुनाव है।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव मैदान में हैं। अखिलेश यादव कह चुके हैं कि योगी आदित्यनाथ अपनी मनपसंद सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें वापस घर भेज दिया है और उनका राजनीतिक पलायन करा दिया है।
क्या है जातीय समीकरण?
गोरखपुर शहर सीट पर कुल 4.5 लाख मतदाता हैं। इनमें कायस्थ मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इस सीट पर कायस्थ मतदाता 95,000, ब्राह्मण मतदाता 55,000 और क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 25,000 है। इसके अलावा इस सीट पर 50,000 मुसलिम, 25,000 यादव और 20,000 दलित मतदाता और अन्य जातियों के मतदाताओं की संख्या 30,000 है।